हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "वसाइल उश शिया" पुस्तक से लिया गया है इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الصادق علیه السلام
إنَّ المُرائي يُدعَى يَومَ القِيامَةِ بِأربَعَةِ أَسماءٍ: يا كافِر! يا فاجِر! يا غادِر! يا خاسِر! حَبِطَ عَمَلُكَ و بَطَلَ أجرك
हज़रत इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम ने फ़रमाया:
रियाकार व्यक्ति को क़यामत के दिन निम्नलिखित चार नामों से पुकारा जाएगा:
हे काफ़िर! हे फासिकओ-फाजिर! हे ग़द्दार! हे नुकसान उठाने वाले! तेरा अमल बर्बाद हो गया और तेरा अज्र बेकार हो गया।
वसाइल उश शिया,भाग 1,पेज 56
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