शुक्रवार 16 मई 2025 - 08:33
नमाज़ ए जुमआ को तर्क करने का अंजाम

हौज़ा / हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने एक रिवायत में नमाज़ ए जुमआ को तर्क करने के अंजाम की ओर इशारा किया हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "वसाएल अलशिया" पुस्तक से लिया गया है इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:

:قال رسول اللہ صلی اللہ علیه وآله

لَيَنتَهِيَنَّ أقوامٌ مِن وَدعِهِمُ الجُمُعاتِ، أو لَيُختَمَنَّ على قُلُوبِهِم ثُمّ لَيَكُونَنَّ مِنَ الغافِلِينَ.

हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने फरमाया:

लोगों की एक जमाअत ज़रूर जुमआ को तर्क करने से बाज़ आ जाए या उनके दिलों पर मोहर लगा दी जाएगी फिर वह ज़रूर गाफिलों में से हो जाएंगे

यह हदीस जुमा की अहमियत और उसे छोड़ने के अंजाम के बारे में सख़्त चेतावनी देती है।

वसाएल उश शिया, भाग 5, पेज 17

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