हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, कर्बला के निवासियो और मूकिबे हुसैनी के मालिकों ने इराक की राजधानी बगदाद में आयोजित कथित "हुसैनी सुरूद महोत्सव" की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इस महोत्सव को हुसैनी आंदोलन की पवित्रता और सम्मान का उल्लंघन बताया, जो इमाम हुसैन (अ) और उनके परिवार तथा विश्वासपात्र साथियों के लिए समर्पित है।
इस बयान के अनुसार, हुसैनी आंदोलन इतना बड़ा और महान है कि इसे ऐसे प्रदर्शन जो इसके प्रचार के सिद्धांतों के खिलाफ हों, उनसे कम नहीं किया जा सकता। "हुसैनी सुरूद" के नाम पर गायन या नाटकीय प्रस्तुति का प्रचार करना पूरी तरह अस्वीकार्य है और यह उन कानूनी और नैतिक प्रतिबद्धताओं के विपरीत है जिन पर अहले-बैत (अ) के अनुयायी इस आंदोलन के प्रचार में टिके हुए हैं।
यह बयान बताता है कि कर्बला का पवित्र शहर, अपने मूकिबो और निवासियों के साथ, ऐसे कृत्यों को सख्ती से खारिज करता है जो हुसैनी आंदोलन का अपमान करते हैं। साथ ही यह भी जोर देता है कि सय्यद उश शोहदा (अ) की असली यादगार मूकिब, मजलिसे हुसैनी और ज़ियारत अरबईन के माध्यम से होती है, जिन्हें बलिदान और सुधार का विश्व स्तर पर प्रतीक माना गया है। यह बातें इस्लामी और आध्यात्मिक मूल्यों की रक्षा करने की अपील करती हैं।
इस बयान में यह भी कहा गया है कि उस महोत्सव के आयोजकों को हुए घटनाक्रम की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और उनसे कहा गया है कि वे अपने कार्यो की समीक्षा करें तथा अपने रास्ते को हुसैनी पवित्र रस्मों के साथ मेल खाने वाले तरीके से सुधारेँ। उन्हें हर उस चीज़ से बचना चाहिए जो उन्हें उनकी प्रचारात्मक और आध्यात्मिक जड़ से दूर करती हो।
बयान में उनकी उच्च धार्मिक मरहले की बातों और हुसैनी मूल सिद्धांतों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता पर जोर दिया गया है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी हम तक पहुंचे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे इन सिद्धांतों को केवल सांस्कृतिक रीति-रिवाजों में तब्दील नहीं होने देंगे, जो कि उनके गहरे अर्थ और प्रामाणिकता से बहुत दूर हैं, जो हमारे पूर्वजों से विरासत में मिला है।
यह भी उल्लेखनीय है कि हाल ही में इराक की संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित "हुसैनी सुरूद महोत्सव" ने व्यापक आलोचनाओं का सामना किया और इसके तरीके व उद्देश्य को लेकर जनता के बीच व्यापक विवाद पैदा कर दिया।
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