अहले बैत अ.स. (35)
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धार्मिकगुमराह लोगों के प्रति अहले-बैत (अ) का व्यवहार; प्रशिक्षण और करुणा पर आधारित एक मॉडल
हौज़ा/ एक आदर्श और अनुकरणीय समाज का निर्माण तभी संभव है जब उसके सदस्य एक-दूसरे के चरित्र और विकास और प्रशिक्षण को महत्व दें। यदि प्रत्येक व्यक्ति केवल व्यक्तिगत सुधार और आत्म-सुधार पर ध्यान केंद्रित…
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ईरानअहले-बैत (अ) के लिए प्रेम और अल्लाह की इबादत: धर्म के दो अपरिहार्य आधार
हौज़ा / दैर के इमाम जुमा हुज्जतुल इस्लाम वल-मुस्लिमीन सय्यद अली हुसैनी ने कहा है कि अहले-बैत (अ) के लिए प्रेम और अल्लाह की इबादत धर्म के दो ऐसे मौलिक सत्य हैं जो एक दूसरे के पूरक हैं और इनमें…
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मजलिसे खुबरेगान रहबरी के सदस्य की हौज़ा न्यूज़ से बात:
उलेमा और मराजा ए इकरामहौज़ा ए इल्मिया क़ुम ; प्रतिरोध का मोर्चा और आधुनिक इस्लामी सभ्यता का अग्रदूत / मरहूम आयतुल्लाह हाएरी ने वैज्ञानिक और क्रांतिकारी आंदोलन की नींव रखी
हौज़ा /हुज्जतुउल-इस्लाम वल-मुस्लिमीन सईद सोलह मिर्ज़ई ने हौज़ा न्यूज़ से बातचीत में कहा कि आध्यात्मिक दुनिया हमेशा समकालीन इतिहास में महान परिवर्तनों में सबसे आगे रही है, और इसे अभी भी वैज्ञानिक…
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इमाम अली रज़ा (अ) और हज़रत मासूमा (स) की दरगाह पर मौलाना सैयद अबुल क़ासिम रिज़वी का संबोधन:
ईरानअहले बैत (अ) की सीरत पर अमल करने से ही एक परिवार को बचाया जा सकता है; केवल बातें करना पर्याप्त नहीं है
हौज़ा/ मौलाना सैयद अबुल क]eसिम रिजवी ने कहा कि क़ुम शहर न केवल ज्ञान और इज्तिहाद का केंद्र है, बल्कि यह विलायत की रक्षा का सबसे बड़ा केंद्र भी है।
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हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन मुताहरी अस्ल:
उलेमा और मराजा ए इकरामधर्म का संदेश युवाओं तक तर्क और प्रेम की भाषा में पहुँचाया जाना चाहिए
हौज़ा/हुज्जतुल इस्लाम वल-मुस्लिमीन मुताहरी-अस्ल ने कहा: हमें युवाओं को अनावश्यक कठोरता के माध्यम से धर्म से दूर नहीं करना चाहिए, बल्कि नम्रता, नैतिकता और प्रेमपूर्ण बातचीत के माध्यम से उनके दिलों…
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हुज्जतुल इस्लाम तबातबाई नसब:
ईरानअहले-बैत (अ) की शिफ़ाअत नमाज़ की हक़ीक़ी क़याम पर मशरूत है
हौज़ा / हुज्जतुल इस्लाम तबातबाई नसब ने कहा: अहले-बैत (अ) की शिफ़ाअत आसानी से प्राप्त नहीं होती है और इसका वास्तविक मानदंड नमाज़ का ह़क़ीक़ी क़याम पर है।
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हुज्जतुल इस्लाम सफ़िज़ादेह:
ईरानक़ुरआन और अहले-बैत (अ) का पालन करने वाले लोगों का जीवन शांति और सम्मान से भरा होता है
हौज़ा/ हुज्जतुल इस्लाम सफिजादे ने कहा: हमें क़ुरआन को पढ़ते समय इसके अर्थों और अवधारणाओं पर ध्यान देने की कोशिश करनी चाहिए और इसे अपने भाषण और कार्यों में प्रतिबिंबित करना चाहिए।
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ईरानसोशल मीडिया अहले-बैत (अ) की शिक्षाओं को फैलाने का सबसे अच्छा साधन है
हौज़ा /हौज़ा के उस्ताद हुज्जतुल इस्लाम मोहम्मद रज़ा सबूही ने कहा: "सोशल मीडिया, अहले-बेत (अ) की शिक्षाओं को फैलाने का सबसे बेहतरीन तरीका है, जिसे हमें पूरी तरह से इस्तेमाल करना चाहिए।"
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गैलरीफ़ोटो/ जम्मू में शहीद मुताहरी बौद्धिक एवं सांस्कृतिक केंद्र द्वारा आयोजित "अहले बैत (अ) शैक्षिक एवं प्रशिक्षण कार्यशाला" सफलतापूर्वक संपन्न
हौज़ा/शहीद मुतहारी बौद्धिक एवं सांस्कृतिक केंद्र कश्मीर द्वारा आयोजित "अहले बैत (अ) शैक्षिक एवं प्रशिक्षण कार्यशाला" सफलतापूर्वक संपन्न हुई।
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भारतशब ए मेराज की महफिल में बड़ी संख्या में मोमिनीन की उपस्थिती
हौज़ा / सुलतानपुर के खैराबाद में इमामबारगाह बेगम हुसैन अकबर में शब-ए मेराज का भव्य महफिल आयोजित किया गया इस कार्यक्रम में शायरों ने अपनी रचनाओं से लोगों का दिल जीत लिया।
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दुनियाअगर अहले-बैत (अ) के सम्मान के खिलाफ़ ईशनिंदा के ख़िलाफ़ कानूनी कार्रवाई नहीं की गई, तो अहले-बैत के चाहने वालों को खुद कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा
हौज़ा / इमामिया एसोसिएशन ऑफ बल्तिस्तान की बैठक में आगे कहा गया कि बल्तिस्तान के विद्वानों ने हमेशा शांति, सुरक्षा और भाईचारे की शिक्षा दी है, लेकिन अगर अहले- बैत के सम्मान का अपमान करने वालों…
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भारतअहले-बैत (अ) अल्लाह के मुखलिस बंदे हैः मौलाना सय्यद रज़ा हैदर ज़ैदी
हौज़ा/लखनऊ में मौलाना सय्यद रज़ा हैदर ज़ैदी ने जुमे की नमाज़ के खुत्बे में कहा कि मैं अपने आप को और आप सभी को तक़वा-ए-इलाही अपनाने की नसीहत और इलाही तकवा इख्तियार करने की वसीयत कर रहा हूँ। परवरदिगार…
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बच्चे और महिलाएंअय्यामे अज़ा ए फातमिया; अहले-बैत (अ) की शिक्षाओं का प्रचार करने का सबसे अच्छा अवसर है
हौज़ा / ईरान के मध्य प्रांत के हौज़ा इल्मिया के शिक्षक ने कहा कि अय्याम अज़ा ए फ़ातमिया (स) अहले-बैत (अ) की शिक्षाओं, विशेष रूप से हज़रत ज़हरा (स) की शिक्षाओं का प्रचार करने का सबसे अच्छा अवसर…
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दुनियाअहले-बैत (अ) से प्यार करना और उनका अनुसरण करना अल्लाह और रसूल (स) का आदेश है: मिस्र के पूर्व मुफ्ती
हौज़ा/अल-अजहर के केबार उलमा काउंसिल के सदस्य और मिस्र के पूर्व मुफ्ती अली जुमा ने अहले बेैत अत्हार (अ) के प्यार और भक्ति पर जोर दिया। कुरान की आयत का जिक्र करते हुए, "कहो, "मैं तुमसे कराबत दारो…