हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, क़ुम मदरसा के कार्यवाहक प्रमुख हुज्जतुल-इस्लाम वल-मुस्लेमीन हमीद मलिकी ने मदरसा दार अल में अल्लामा हाली सम्मेलन के समापन समारोह में कहा कि उपदेश देना धार्मिक विद्वान की जिम्मेदारी है।
उन्होंने हाल ही में इस्लामिक क्रांति के नेता के साथ धार्मिक उपदेशकों की बैठक की ओर इशारा करते हुए कहा कि इस्लामी क्रांति के नेता हजरत अयातुल्ला अली खामेनेई ने इस बैठक में उपदेश देने के मुद्दे पर जोर दिया है और उनके उपदेश का मतलब भौतिक है।
उन्होंने शिया धर्म के बचे रहने के कारणों के बारे में कहा कि शिया संप्रदाय के बचे रहने का एक कारण इस संप्रदाय की सत्यता है, क्योंकि ईश्वर की सुन्नत के अनुसार सत्य सदैव कायम रहता है।
हुज्जतुल-इस्लाम वल-मुस्लेमीन मलिकी ने शिया धर्म के विस्तार और प्रचार में विद्वानों की भूमिका की ओर इशारा करते हुए कहा कि शिया धर्म के अस्तित्व का एक कारण तर्क, सत्य और सच्चाई है, इसलिए हमें इस महान कर्तव्य की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए ।
उन्होंने कहा कि अगर आज हमारे मंच का मूल्य है, तो यह हमारे बुजुर्गों के प्रयासों का परिणाम है जिन्होंने अल-मिज़ान और अल-ग़दीर लिखा था और हम इन बुजुर्गों की जांच से अवगत हैं।