बुधवार 3 सितंबर 2025 - 11:56
इमाम ए ज़माना अ.स. की हक़ीकी पहचान हासिल करना सबकी पहली ज़िम्मेदारी है। मोहतरमा फिज़्ज़ा मुख्तार

हौज़ा / मोहतरमा फिज़्ज़ा मुख्तार नक़वी ने कहा कि इमाम ज़माना अ.स. की पहचान अच्छे आचरण का पालन अनिवार्य कार्यों का पालन, पापों से बचना और प्रार्थनाओं को दैनिक जीवन का हिस्सा बनाना हमारे मूल कर्तव्य हैं, जिनका पालन करके हम वास्तविक अनुयायी और ज़ुहूर के लिए तैयार हो सकते हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , आज़ाद कश्मीर के मुज़फ़्फ़राबाद में फ़ातिमिया शैक्षणिक परिसर में इमाम हसन अस्करी अ.स.की शहादत के दिन और शोक के दिनों के समापन के अवसर पर एक दुखभरी शोक सभा आयोजित की गई, जिसमें फ़िज़ा मुख्तार नक़वी ने संबोधित किया।

दोपहर की नमाज़ के बाद सभा की शुरुआत ज़ियारत ए आशूरा के पाठ के साथ हुई, जिसके बाद नौहा और मातम पेश किया गया।

इमाम ए ज़माना अ.स. की हक़ीकी पहचान हासिल करना सबकी पहली ज़िम्मेदारी है। मोहतरमा फिज़्ज़ा मुख्तार

अपने संबोधन में सैय्यदा फ़िज़ा मुख्तार नक़वी ने "इमाम ज़माना अ.स. की ग़ैबत में हमारे कर्तव्य" विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सबसे पहला कर्तव्य इमाम ज़माना (अ.स.) की वास्तविक पहचान प्राप्त करना है।

उन्होंने कहा कि हमें अपने जीवन में अच्छे आचरण अपनाने और बुरे आचरण से दूर रहने की आवश्यकता है, हलाल और हराम के नियम सीखकर उन पर अमल करना चाहिए, अनिवार्य कार्यों का पालन और पापों से बचने को अपनी दिनचर्या बनाना चाहिए और अपने विचारों और व्यवहार में सुधार करना चाहिए ताकि हम वास्तविक अनुयायी बन सकें।

उन्होंने आगे कहा कि इमाम अ.स. की सुरक्षा और उनके शीघ्र प्रकटीकरण के लिए दान देना और अच्छे कर्म करना आवश्यक है, साथ ही दुआ-ए-नुदबा, दुआ-ए-अहद और ज़ियारत-ए-आले यासीन जैसी प्रार्थनाओं को दैनिक जीवन का हिस्सा बनाया जाना चाहिए। उनके अनुसार, इन कर्तव्यों का पालन करके ही हम इमाम अ.स.के निकट आ सकते हैं और उनके प्रकटीकरण की तैयारी कर सकते हैं।

इमाम ए ज़माना अ.स. की हक़ीकी पहचान हासिल करना सबकी पहली ज़िम्मेदारी है। मोहतरमा फिज़्ज़ा मुख्तार

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