हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , सैय्यद अली फ़ज़लुल्लाह ने इमाम मूसा सदर की गायब होने की वर्षगांठ के मौके पर कहा कि इमाम मूसा सदर की शख्सियत न सिर्फ राष्ट्रीय और इस्लामी एकता की मिसाल थी बल्कि वह मज़लूमों और न्याय के हामी भी थे, इसलिए उनकी गैर मौजूदगी एक अतुलनीय क्षति है।
उन्होंने आगे कहा कि इमाम मूसा सदर और मरहूम आयतुल्लाह सैय्यद मोहम्मद हुसैन फ़ज़लुल्लाह के बीच मजबूत भाईचारे के रिश्ते थे। इमाम सदर अक्सर नबिया इलाके में आयतुल्लाह फ़ज़लुल्लाह से मिलते और विभिन्न मामलों पर विचार-विमर्श करते थे। इसके अलावा वह वहां आयोजित होने वाले कई कार्यक्रमों में भी शामिल होते थे।
सैय्यद अली फ़ज़लुल्लाह ने कहा कि इमाम मूसा सदर और आयतुल्लाह फ़ज़लुल्लाह को एक मौलिक समान तत्व ने करीब लाया था, और वह था विभिन्न विचारधाराओं और समूहों के साथ बौद्धिक और मानवीय स्तर पर खुलापन, संवाद और एकता का संदेश पहुंचाना।
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