शनिवार 6 सितंबर 2025 - 16:58
मुसलमानों का इत्तिहाद ही उम्मत इस्लामी की शान और तरक्की की गारंटी है

हौज़ा / हज़रत हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन इमाद ने कहा, बिना किसी शक के मुसलमानों की एकता और भाईचारा ही दुश्मनों की साज़िशों के खिलाफ खड़े होने और उम्मते इस्लामी की इज़्ज़त, आज़ादी और तरक्की की गारंटी है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , हज़रत हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन इमाद, राष्ट्रपति के सलाहकार रूहानियत ने हफ़्ते ए वहदत की शुरूआत और पैग़म्बर मोहम्मद (स.व.ल.) के 1500वें सालगिरह पर ये पैग़ाम दिया:

बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

हफ़्ते ए वहदत की शुरुआत और पैग़म्बर ए रहमत मोहम्मद मुस्तफा (स.ल.) की 1500वीं सालगिरह की मौके पर याद दिलाना चाहता हूँ कि यह पैग़ंबर-ए-आज़म की वह हमेशगी पैग़ाम है जो ईमान, अख़लाक़, भाईचारा, इन्साफ़ और सलामती का बुलंद मिज़ान है।

1500 सालों का सफ़र, पैग़ंबर-ए-इस्लाम (स.ल.व.) के उस पैग़ाम की दोबारा पड़ताल करने का मौका है; जो हमारे अशांत वक़्त में इंसानी ज़ख़्मों पर मरहम है और इंसान और समाज की ज़रूरतों का जवाब है।

आज जब दुनिया के काफ़िले और खासकर मुसलमान ज़ुल्म, जुल्मत और हुकूमत-ए-काफ़िरों के खिलाफ जंग देख रहे हैं, तो पैग़ंबर की उस राह पर चलना जो सभी पैग़ंबरों की शिक्षा को समेटे हुए है, और इंसानी-इस्लामी भाईचारे को मजबूत करना बेहद ज़रूरी है।

बिना किसी शक के, मुसलमानों की एकता ही दुश्मनों की साज़िशों का सामना करने और उम्मत की इज़्ज़त, आज़ादी और तरक्की की गारंटी है।

इसी मकसद से, इस्लामी गणराज्य ईरान की सरकार "रफ़ाक़-ए-क़ौमी" (राष्ट्रीय मेल-मिलाप) के नारे के साथ उस राह पर बढ़ रही है जो पैग़ंबर-ए-आज़म (स.ल.व.) के मकसद से ताल्लुक रखती है और उम्मत-ए-इस्लामी की एकता और भाईचारे पर ज़ोर देती है।

मैं इस शुभ मौके पर, हज़रत इमाम ज़माना स.ल.व.के नाम पर, मुअज्ज़ज़ मराजय-ए-तकलीद, उलेमा, हौज़ा-ए-इल्मिया, बड़ी जनता-ए-ईरान और दुनियाभर के मुसलमानों को दिल से मुबारकबाद देता हूँ, और उम्मीद करता हूँ कि पैग़ंबर (स.ल.व.) की राह पर चलकर, हम उम्मत इस्लामी की एकता, इन्साफ़, इज़्ज़त और तरक्की देखेंगे।

टैग्स

आपकी टिप्पणी

You are replying to: .
captcha