सोमवार 8 सितंबर 2025 - 19:01
एकता; इस्लाम में सबसे महत्वपूर्ण इंतेखाब है/ उम्मत ए इस्लामी की ताकत एकता में है

हौज़ा / लेबनानी संसद की स्पीकर नबीहा बरी के प्रतिनिधि ने कहा,हमें इतेमाद के पुलों को विस्तार देना चाहिए क्योंकि उम्मत ए इस्लाम की ताक़त इसी वहदत के साए में है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,लेबनानी संसद के स्पीकर नबीहा बरी के प्रतिनिधि सलाह वख़स ने 49वीं अंतरराष्ट्रीय वहदत ए इस्लामी कांफ्रेंस के उद्घाटन समारोह सोमवार 08 सितंबर 2025 में मुल्लत ए लेबनान और संसद के स्पीकर का सलाम मुल्लत ए ईरान तक पहुंचाया और ज़ायोनी सरकार की जारिहत में शहीद हुए ईरानी कमांडरों, दानिशवरों और बेगुनाह आम लोगों की शहादत पर तअज़ीयत पेश की।

उन्होंने कहा, हमें अपने इत्तेहाद को वहदत ए क़लिमा और क़ुरआन व सुन्नत-ए-पैग़ंबर स.ल.व. के मेहरस पर मुनज़िम करना चाहिए जैसा कि रहबर-ए-मुअज़्ज़म इंक़ेलाब ए इस्लामी ने इस मसले और मुस्तकबिरों के खिलाफ जद्दोजहद पर हमेशा तक़ीद फरमाई है।

नमाइंदा ए नबीहा बरी ने कहा,वहदत इस्लाम में सबसे अहम इख़्तियार है, यह दीन-ए-इस्लाम का स्तून है जो इस दीन ए हनीफ को सरबलंदी बख्शता है और इसे महफूज़ रखता है।

उन्होंने कहा,औपनिवेशवाद और अत्याचार इस्लामी दुनिया की बड़ी समस्याओं में से हैं। उम्मत-ए-इस्लाम एक शरीर के समान है कि यदि इसका कोई अंग दर्द में हो तो पूरा शरीर प्रभावित होता है।

जनाब सालेह ने इमाम मूसा सदर की याद में कहा,इमाम मूसा सदर इस्राइल को "शर्रे मुत्लक समझते थे। इस्राइल एक ऐसा दुश्मन है जो पूरी ताकत के साथ हमारे खिलाफ खड़ा है, इसलिए सभी मुसलमानों को मिलकर इस रेज़ीम को इतिहास के पन्नों से मिटा देना चाहिए।

उन्होंने कहा, लगभग दो साल से ज़ायोनी सरकार ग़ाज़ा पर हमला कर रही है और वहाँ के लोगों को खून में डुबो रही है। इसी तरह लेबनान की धरती पर भी हमले किए गए और कुछ इलाक़ों पर कब्ज़ा किया गया। इन सभी कत्लेआम और नरसंहार के बावजूद, मुद्दा एकता इस्लामी को केवल नारे तक सीमित नहीं रहना चाहिए बल्कि इसका सीधा निशाना ज़ायोनी सरकार होना चाहिए।

अंत में उन्होंने कहा, हमें भरोसे के पुलों को और विस्तृत करना होगा और इस बात पर ज़ोर दिया कि इस्लामी उम्मत की ताकत सिर्फ़ एकता की छाया में है।

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