हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान की संसद के अध्यक्ष मोहम्मद बाक़िर ग़ालिबफ़ ने कहा है कि ज़ायोनी शासन की अजेयता का मिथक अब इतिहास का हिस्सा बन गया है।
मंगलवार को संसद को संबोधित करते हुए मुहम्मद बाक़िर क़ालिबाफ़ ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका और पश्चिम का समर्थन भी नाजायज़ ज़ायोनी सरकार को उस दलदल से बाहर नहीं निकाल सका जिसमें वह फंसी हुई है। अमानवीय कार्यों की कड़ी निंदा की।
ईरान की संसद के अध्यक्ष ने कहा कि हम संयुक्त राज्य अमेरिका के नेतृत्व वाले पश्चिमी मोर्चे को बताना चाहते हैं कि उसके मीडिया, सैन्य, वित्तीय और राजनयिक समर्थन के बावजूद, अवैध ज़ायोनी शासन की अजेयता का मिथक अब पूरी तरह से खत्म हो गया है और इसका हिस्सा बन गया है। इतिहास की बात करें तो अमेरिका का खुला समर्थन भी अब इजराइल को उस दलदल से बाहर नहीं निकाल सकता जिसमें वह फंसा हुआ है और संघर्ष कर रहा है।
उन्होंने कहा कि मानवता के खिलाफ इस हिंसक कार्रवाई के कारण पश्चिम को विश्व स्तर पर इतनी बदनामी का सामना करना पड़ेगा कि उन्हें अपने ही राष्ट्र में अपमानित होना पड़ेगा।
क़ालिबफ़ ने यह भी कहा कि इस्लामी और अरब देशों के शासकों को इस समय इतिहास की सबसे बड़ी परीक्षा का सामना करना चाहिए।