हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , ईरान की राष्ट्रीय सुरक्षा उच्च परिषद के महासचिव अली लारिजानी ने इस्लामी देशों से कहा है कि वे इज़राइल के खिलाफ केवल भाषणों और बयानों के बजाय व्यावहारिक कार्रवाई करें, अन्यथा वे स्वयं विनाश के करीब पहुंच जाएंगे।
लारिजानी ने अपने सोशल मीडिया पेज पर लिखा कि अगर इस्लामी बैठकें केवल भाषणों और बयानों तक सीमित रहीं (जैसा कि कभी-कभी सुरक्षा परिषद की बैठकों का हाल होता है), तो यह वास्तव में दुश्मन को नए हमले के लिए आमंत्रित करने के बराबर है। उनके अनुसार कम से कम एक संयुक्त परिचालन केंद्र स्थापित किया जाना चाहिए ताकि पारस्परिक और संगठित कार्रवाई संभव हो सके।
उन्होंने आगे कहा कि ऐसा कदम न केवल इस ज़ायोनी सरकार के मालिकों को परेशान कर देगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर शांति के दावेदारों को भी अपनी नीति बदलने के लिए मजबूर करेगा।
लारिजानी ने स्पष्ट किया,अगर आपने भूखे और उत्पीड़ित फिलिस्तीनियों के लिए कुछ नहीं किया, तो कम से कम अपने अस्तित्व के लिए तत्काल और ठोस निर्णय लें।उन्होंने इस्लामी सरकारों से कहा कि वे शब्दों के बजाय कार्यों से दिखाएं कि वे फिलिस्तीन के साथ हैं।
आपकी टिप्पणी