हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , शिया उलेमा काउंसिल पाकिस्तान के केंद्रीय महासचिव अल्लामा शब्बीर हसन मीसामी ने गाज़ा और फिलिस्तीन की मौजूदा स्थितियों पर जारी अपने संदेश में कहा,पाकिस्तान की विचारधारा इज़राइल को मान्यता न देना है। ऐसा करने वाला हर व्यक्ति पाकिस्तान की विचारधारा और संस्थापक पाकिस्तान का अपराधी माना जाएगा।
उन्होंने कहा,समुद्र से नदी तक फिलिस्तीन फिलिस्तीनियों का है अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कदम पूरे क्षेत्र में आग लगा सकते हैं।
अल्लामा शब्बीर हसन मीसमी,पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की ओर से ट्रंप की तथाकथित योजना का समर्थन फिलिस्तीनी जनता के खून के साथ विश्वासघात और कायदे-आज़म मोहम्मद अली जिन्नाह की विचारधारा के साथ खुला धोखा है। कायद ए आज़म ने स्पष्ट कहा था कि इज़राइल एक कब्ज़ा करने वाला और अवैध राज्य है और पाकिस्तान उसे कभी मान्यता नहीं देगा।
केंद्रीय महासचिव शिया उलेमा काउंसिल ने कहा, पाकिस्तानी जनता का स्पष्ट रुख है कि फिलिस्तीन एक पूर्ण स्वतंत्र और संप्रभु राज्य हो जिसकी राजधानी बैतुल-मुक़द्दस (यरुशलम) हो। इसके अलावा किसी भी तथाकथित शांति योजना या दो-राज्य सूत्र को हम धोखा, छल और अपनी वैचारिक पहचान के विपरीत मानते हैं।
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