हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "तोहफ ए ओकूल" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال امیرالمؤمنین علیهالسلام
عَجِبتُ لأقوامٍ يَحتَمُونَ الطَّعامَ مَخافَةَ الأذى، كَيفَ لا يَحتَمُونَ الذُّنوبَ مَخافَةَ النّارِ؟
हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
मुझे उन लोगों पर आश्चर्य होता है जो तकलीफ़ के डर से (हानिकारक) खाने से तो परहेज़ करते हैं लेकिन वे आग (जहन्नम) के डर से पापों से परहेज क्यों नहीं करते।
तोहफ ए ओकूल,पेज 204
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