सोमवार 20 अक्तूबर 2025 - 18:03
दुनयावी तालीम के साथ उलूम-ए-आले मुहम्मद (अ) भी ज़रूरी है: मौलाना शैख नाज़िर मेहदी मुहम्मदी

हौज़ा / जमीयत ए उलेमा इस्ना अशरि करगिल के ज़ेरी इदारे मकातिब इस्ना अशरियह, शोबा-ए-मकातिब के ज़ेरे एहतमाम हौज़ा ए इल्मिया इस्ना अशरियह में ज़िला सतह पर कुरआन और दीनीयात के मुक़ाबलों का इनक़ाद किया गया। इन मुक़ाबलों से पहले तहसील और ब्लॉक सतह पर कुरआनी और दीनीयात के मुक़ाबलों का एहतमाम किया गया था, जिनमें कामयाब होने वाले तलबा व तालिबात को ज़िला सतह पर आयोजित कुरआनी मुक़ाबलों में हिस्सा लेने का मौक़ा दिया गया।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, जमीयत ए उलेमा इस्ना अशरि करगिल के ज़ेरी इदारे मकातिब इस्ना अशरि शोबा-ए-मकातिब के तहत हौज़ा ए इल्मिया इस्ना अशरियह में ज़िलाई सतह पर कुरआन व दीनीयात के मुक़ाबलों का इनक़ाद किया गया। इन मुक़ाबलों से पहले तहसील और ब्लॉक सतह पर मुक़ाबलों का एहतमाम हुआ था, जिनमें कामयाब होने वाले तलबा व तालिबात को ज़िलाई मुक़ाबलों में हिस्सा लेने का मौक़ा मिला।

दुनयावी तालीम के साथ उलूम-ए-आले मुहम्मद (अ) भी ज़रूरी है: मौलाना शैख नाज़िर मेहदी मुहम्मदी

इस मौके पर तक़रीब में कश्मीर से तशरीफ लाए हुए हज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन डॉक्टर सय्यद करार जाफ़री साहब ने बतौर मेहमान-ए-ख़ास शिरक़त की, जबकि आलमी शोहरत-याफ़्ता कारी-ए-कुरआन मिराजुद्दीन सूफी, काउंसलर करगिल टाउन हाजी मुहम्मद अब्बास और इंचार्ज सियासी उमूर जमीयत उलमा इस्ना अशरियह करगिल सज्जाद हुसैन करगली ने बतौर मेहमानान-ए-ज़ी-वकार शिरक़त की।

जमीयत उलमा इस्ना अशरियह करगिल के सदर हज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन शैख नाज़िर महदी मुहम्मदी ने इस तक़रीब की सदारत की, जबकि जमीयतुल उलमा के नाएब सदर हज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन शैख ग़ुलाम अली मुफ़ीदी, मरकज़ी इमाम-ए-जुमआ और जनरल सेक्रेटरी हज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन शैख इब्राहीम ख़लीली, जमीयत के अरकान शैख अली नक़ी मबगली, शैख अब्दुल्लाह मनूवरी, दूसरे मुअज्ज़ज़ उलमा, मकातिब इस्ना अशरियह के असातज़ा व मसऊलीन और जमीयत के दूसरे शोबा जात के अरकान भी मौजूद थे।

दुनयावी तालीम के साथ उलूम-ए-आले मुहम्मद (अ) भी ज़रूरी है: मौलाना शैख नाज़िर मेहदी मुहम्मदी

इन मुक़ाबलों में डॉक्टर सैयद करार जाफ़री, कारी-ए-कुरआन मिराजुद्दीन सू़फी और मकातिब इस्ना अशरियह करगिल के मसऊलीन शैख अहमद अरमान और शैख मूसा अली उर्फ़ानी ने बतौर जज अपने फ़राइज अंजाम दिए।

इन मुक़ाबलों में ज़िला करगिल की मुख़्तलिफ़ तहसील और ब्लॉक में मकातिब इस्ना अशरियह करगिल के तहत काम करने वाले 120 से ज़्यादा मकातिब के 257 तलबा व तालिबात ने तहसील और ब्लॉक सतह पर हिस्सा लिया, जिनमें से आख़िर में 38 तलबा व तालिबात ज़िलाई सतह के फाइनल मुक़ाबलों के लिए कामयाब क़रार पाए।

ज़िला सतह पर फाइनल फेज़:
शोबा-ए-दीनीयात दरजा सोम में 7 तलबा व तालिबात
शोबा-ए-दीनीयात दरजा चहारम में 7 तलबा व तालिबात
शोबा-ए-दीनीयात दरजा पंचम में 6 तलबा व तालिबात
हिफ़्ज़-ए-कुरआन: 6 तलबा व तालिबात
तर्तीले कुरआन: 6 तलबा व तालिबात
क़िराअत-ए-कुरआन: 6 तलबा व तालिबात

इस मौके पर ब्लॉक, तहसील और ज़िलाई सतह पर कामयाब होने वाले तलबा व तालिबात में इनआमात भी तक़सीम किए गए और उनके जज़्बे व मेहनत को सराहा गया।

दुनयावी तालीम के साथ उलूम-ए-आले मुहम्मद (अ) भी ज़रूरी है: मौलाना शैख नाज़िर मेहदी मुहम्मदी

शैख नाज़िर महदी मुहम्मदी ने अपने सदारती ख़िताब में समाज को एक "कुरआनी और अहले बैत-दोस्त" समाज बनाने पर ज़ोर दिया और कहा कि बच्चे-बच्चियाँ कुरआन मजीद और ऐम्मा मासूमीन अलेहिमुस्सलाम से क़रीब हों, और दुनियावी तालीम के साथ उलूम-ए-आले मुहम्मद (अ) से अपने दिलों को रौशन करें, ताकि हमारा मुस्तक़बिल रोशन हो और दुनिया व आख़िरत दोनों में सरफराज़ी हासिल हो सके।

शैख नाज़िर मेहदी मुहम्मदी ने कुरआन के इन मुक़ाबलों में हिस्सा लेने वाले तलबा व तालिबात, मकातिब इस्ना अशरियह के असातज़ा, मसऊलीन, और ज़ेरे एहतमाम इदारों — शोबा-ए-मकातिब जमीयतुल उलमा इस्ना अशरियह करगिल, अंसार-उल-महदी जमीयतुल उलमा, हुसेनी तबर्रुक कमेटी, इस्ना अशरियह नेटवर्क और ख़ास तौर पर कश्मीर से तशरीफ लाए डॉक्टर सैयद करार जाफ़री, कारी-ए-कुरआन मिराजुद्दीन सूफी और काउंसलर हाजी मुहम्मद अब्बास — का शुक्रिया अदा किया।

डॉ. सय्यद कर्रार जाफ़री और काउंसलर हाजी मुहम्मद अब्बास ने भी तक़रीब में ख़िताब किया और अपने तास्सुरात उलमा, असातज़ा और तलबा व तालिबात के सामने पेश किए। वहीं शैख अहमद अरमान, मसऊल शोबा-ए-मकातिब इस्ना अशरियह ने अपने ख़िताब में मकातिब की फ़ालियत पर तफ़सीली ब्रीफिंग दी।

इस तक़रीब में शैख मुहम्मद ताहा और हादी अली करार ने निज़ामत के फ़राइज अदा किए और अपने बेहतरीन अंदाज़-ए-बयान से तक़रीब की रौनक बढ़ा दी।

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