हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, हौज़ा ए इल्मिया आयतुल्लाह खामनेई भीकपुर, बिहार, भारत में यह कक्षाएँ होती हैं। आयोजक सय्यद इंतिजार हुसैन रिज़वी ने कुछ महत्वपूर्ण बातें साझा कीं और आने वाले शिक्षकों व छात्रों का स्वागत किया।
हुज्जतुल इस्लाम मौलाना मोहम्मद रज़ा मरूफ़ी ने कक्षा के महत्व पर ज्ञानवर्धक बातें कही। जदीद साइंस के शिक्षक सय्यद क़ौसर हुसैन रिज़वी ने इकनॉमिक्स विषय पर युवाओं को एक घंटा पढ़ाया। धार्मिक अध्ययनकर्ता हुज्जतुल इस्लाम मौलाना सैयद शकील अहमद रिज़वी ने नैतिक शिक्षा दी।
शनिवार की क्लास में ये बातें कही गईं:
आज की दुनिया में हमें एक खास उपहार मिला है, वह है हमारे प्यारे मार्गदर्शक हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली खामनेई। उन्होंने सिर्फ ईरान नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में ज्ञान और मोहब्बत की ऐसी नींव रखी है जो आज इस्लामी विज्ञान और मानवता के लिए रोशनी का मार्ग है।
रहबर ने तर्क, ज्ञान और नैतिकता को बढ़ावा देते हुए नई दिशाएँ दिखाई हैं। वे स्वयं कहते हैं कि इस्लाम एक पूरा जीवन नियम है जो हमें शांति, सुरक्षा और मुक्ति की राह दिखाता है। इसलिए, आज के समय में शांति और मेल-जोल बहुत जरूरी है ताकि इंसानियत दिखाई दे, प्यार बना रहे और बुजुर्गों का सम्मान हो।
कई लोग मुश्किलों में आकर इन नेमतों को भुला देते हैं, पर धैर्य रखना और खुदा पर भरोसा करना जरूरी है। यही ईमान और निहायत परहेज़गारी की पहचान है।
हमें अल्लाह का शुक्र मानना चाहिए कि उन्होंने हमें वलीयत जैसी बड़ी खुशी दी है। हमें 14 मासूम मिले हैं, हमारे पास कर्बला, नजफ़, क़ाबा, रसूल का मंचर, जन्नत उल बाक़ी, क़ुम और माशहद हैं।
अंत में हौज़ा ए इल्मिया आयतुल्लाह खामेनई के प्रबंधन की ओर से इस कक्षा में आने वाले सभी लोगों का धन्यवाद किया गया।
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