हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, दो अमेरिकी सांसदो क्लौडिया टेनी और किली हिगेन्स ने अमेरिकी प्रतिनिधि सदन में जो मसौदा तैयार किया है जिसका उद्देश्य मस्जिद अल अक़्सा पर इसराइली क़ब्ज़े को आधिकारिक रूप से स्वीकार कराना है।
प्राप्त जाकारी के अनुसार दो अमेरिकी सांसदो क्लौडिया टेनी और किली हिगेन्स ने अमेरिकी प्रतिनिधि सदन में जो मसौदा तैयार किया है, उसमें यह मांग रखी गई है कि अमेरिका इसराइल की पूर्ण शासन अधिकार को स्वीकार करे और यहूदियों को इस पवित्र स्थान पर पूरी तरह से प्रवेश और उपासना का अधिकार दिया जाए।
विश्लेषकों ने इस कदम को बेहद खतरनाक बताया है। उनका कहना है कि यह प्रस्ताव उन इसराइली चरमपंथी योजनाओं का हिस्सा है जिनके तहत मस्जिद अल अक़्सा को समय और स्थान के आधार पर विभाजित करके उस पर पूरा नियंत्रण स्थापित करने की साज़िश की जा रही है।
फिलिस्तीनी अथॉरिटी, हमास और अन्य प्रतिरोध संगठनों ने इस कदम की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा है कि यह प्रस्ताव कुद्स और मस्जिद अल अक्सा का अपमान है और इससे इसराइल की आक्रामक नीतियों को और बढ़ावा मिलेगा।
याद दिला दें कि 1967 में क़ुद्स पर इसराइल के कब्जे के बाद जॉर्डन और इसराइल के बीच एक समझौता हुआ था, जिसके मुताबिक सिर्फ मुसलमानों को मस्जिद अल अक़्सा में इबादत की इजाज़त है, जबकि गैर-मुस्लिम सिर्फ़ दर्शन के लिए जा सकते हैं। लेकिन इसराइली सरकार और यहूदी उग्रवादी समूह इस समझौते की बार-बार अवहेलना करते आए हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर अमेरिका ने इसराइल के इस एकतरफा नियंत्रण को समर्थन दिया, तो इसका परिणाम केवल कुद्स में ही नहीं बल्कि पूरे पश्चिम एशिया में गंभीर तनाव और संघर्ष के रूप में सामने आएगा, जो क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए गंभीर खतरा साबित होगा।
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