अय्यामें फातेमिया स.ल.
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तस्वीरें/ अंजुमन-ए-शरिया शिया के तहत अय्यामे फ़ातिमया और आगा सय्यद मुहम्मद हुसैन मूसवी सफ़वी की बरसी के अवसर पर शोक सभा
हौज़ा / अय्यामे फ़ातिमया और आगा सय्यद मुहम्मद हुसैन मूसवी सफ़वी की बरसी पर, केंद्रीय इमाम बारगाह बडगाम और पुराने इमाम बारगाह हसनाबाद में शोक समारोह आयोजित किए गए, जिसमें बड़ी संख्या में विश्वासियों ने भाग लिया।
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फातिमा ज़हरा (स) का धन्य अस्तित्व, मार्गदर्शन और दया की रोशनी और शाश्वत महानता का अवतार हैं
हौज़ा / अय्यामे फातेमिया और आगा सय्यद मुहम्मद हुसैन मूसवी सफ़वी की बरसी के अवसर पर, मरकज़ी इमाम बारगाह बडगाम और पुराने इमाम बारगाह हसनाबाद में मजलिस आयोजित की गई।
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राजस्थान के ऑल-शिया उलेमा द्वारा आयोजित, अय्यामे-फातिमिया: मजलिस, जुलूस और प्रश्नोत्तरी
हौज़ा / ऑल शिया उलेमा राजस्थान के अध्यक्ष मौलाना सैयद काजिम अली जैदी ने कहा कि ये मजलिसें राजस्थान में कई वर्षों से होती आ रही हैं, जिनमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु और महिलाएं भाग लेती हैं और इन मजलिसों की खासियत ये है कि ये राजस्थानी हैं शुक्रवार को इमामों और सभाओं और प्रचारकों के भाषणों में लगे रहे।
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सय्यदा फातिमा (स) महिलाओं के कर्तव्यों और अधिकारों की सबसे बड़ी तरजुमान हैः जनाब हसन सफवी मूसवी
हौज़ा / अय्याम फातिमिया के मौके पर अंजुमन-ए-शरिया शिया-जम्मू और कश्मीर के तहत मजलिसों का सिलसिला शुरू किया गया है और इस संबंध में पहली मजलिस सेंट्रल इमाम बाड़ा, बडगाम में आयोजित की गई थी।
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हज़रत फ़ातिमा ज़हरा (स) की शहादत की दो तारीखों का रहस्य
हौज़ा / हुज्जत-उल-इस्लाम अली रज़ा रिज़वी ने मदरसा अल-ज़हरा (स) में एक मजलिस को संबोधित करते हुए हज़रत फातिमा ज़हरा (स) की शहादत की दो अलग-अलग तारीखों के बारे में चर्चा की और कहा कि इतिहास में शहादत के बारे में दो रिवयतें हैं जिनमे 75 और 95 दिनों का उल्लेख किया गया है।
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अज़ा-ए-फ़ातेमिया: जनाब-ए-फ़ातिमा ज़हरा की मज़लूमियत की याद
हौज़ा/ जनाब-ए-फ़ातमा ज़हरा (स.) ने अपनी वसीयत में इमाम अली (अ.) से फ़रमाया कि मुझे रात में दफ़न करना ताकि ज़ालिमों को मेरी तद्फीन में हिस्सा न मिले। आपकी क़ब्र आज भी दुनिया से छुपी हुई है, जो आपकी मज़लूमियत का सबूत है।
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बिन्ते मुस्तफा (स) की याद मे भारत के केरल में मजलिसो और कक्षाओ का आयोजन
हौज़ा / हज़रत खातम अल-मुर्सलीन की बेटी और अमीरुल मोमिनीन इमाम अली (स) की पत्नी की शहादत के अवसर पर, भारत में तमिलनाडु और केरल की विभिन्न मस्जिदों और इमामबारगाहों में फातेमी सभाओं का आयोजन किया गया, जिसमें मस्जिदों के इमाम और विद्वानो ने शामिल होकर हज़रत फातिमा अल-ज़हरा के चरित्र और गुणों पर भाषण दिया।
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हज़रत फातिमा ज़हेरा स.ल.का जीवन महिलाओं के लिए बेहतरीन नमूना-ए-अमल है: मौलाना कल्बे जवाद नक़वी
हौज़ा/इमामबाड़ा सिब्तैनाबाद में आयोजित दो रोज़ा मजालिस के सिलसिले की आख़री मजलिस मौलाना कल्बे जवाद नक़वी ने खिताब किया, इस्लामी तालीमात की एहमियत पर भी रोशनी डाली
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अय्यामे फ़ातिमीया के अवसर पर कारगिल में मजलिसे अज़ा
हौज़ा/ कारगिल में अय्यामे फातिमिया के अवसर पर जमीयत उलमा इसना अशारिया कारगिल द्वारा मजलिसे अज़ा आयोजित की गई।
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अज़ा ए फातिमी के संबंध में आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमोली का बयान;
अज़ा ए फातिमी सिर्फ अज़ादारी नहीं है, बल्कि एक स्कूल है
हौज़ा / आयतुल्लाह जवादी आमोली ने कहा कि धर्म की महिमा और सम्मान चौदह मासूमीन (अ) के कारण है, ये व्यक्ति सामान्य लोग नहीं हैं। अमीरुल मोमिनीन अली (अ) स्पष्ट रूप से कहते हैं: पवित्र कुरान एक ख़ामोश किताब है और हम अहले-बैत अल्लाह की बोलती हुई किताब हैं।
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अय्यामे फातिमा को पूरी गरिमा और सम्मान के साथ मनाया जाना चाहिए, हुज्जतुल इस्लाम फरहज़ाद
हौज़ा / ईरान के प्रसिद्ध खतीब ने कहा कि मुहर्रम अल-हराम सभाओं का आयोजन सभी धर्मों के अनुयायियों द्वारा किया जाता है, उन्होंने कहा कि अय्यामे फ़ातिमा विशेष होते हैं, इसलिए हमें इन दिनों के दौरान नमाज, जुलूस और सभाएं करनी चाहिए। संगठन को चाहिए पूरी तरह से व्यवस्थित रहें।
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अय्यामे फातिमिया (स) के अवसर पर नाइजीरिया में मजलिस-ए-आज़ा का आयोजन
हौज़ा / हजरत सिद्दीका ताहिरा (स) और ज़ारिया के शहीदों की 7 वीं वर्षगांठ के अवसर पर नाइजीरिया में एक मजलिसे अज़ा आयोजित की गई।
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आयतुल्लाह हाफिज बशीर हुसैन नजफी की भागीदारी में नजफ अशरफ में एक भव्य जूलूसे अज़ा का आयोजन
हौज़ा / मरजा आली-क़द्र ने शोक सभा से कहा कि हज़रत फ़ातिमा ज़हरा (स) की पीड़ा और दुःख सच्चे मुहम्मदन इस्लाम का अस्तित्व और अहले-बैत (अ) से विलायत का नवीनीकरण है।
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हज़रत ज़हरा (स) का खुत्बा ए फ़दाकिया; इस्लाम धर्म की समस्याओं और भविष्य के बारे में सबसे व्यापक उपदेश हैः आयतुल्लाह सय्यदान
होज़ा/ हौज़ा ए इल्मिया खुरासान ईरान के महत्वपूर्ण शिक्षक ने कहा कि अर्थ के संदर्भ में, हज़रत ज़हरा (स) का ख़ुत्बा ए फदाकिया सबसे व्यापक और पूर्ण धर्मोपदेश है, क्योंकि इतिहास में हमारे पास इस्लाम की विभिन्न समस्याओं के बारे में ऐसा संपूर्ण उपदेश है। और इससे व्यापक उपदेश कहीं नहीं मिलता।
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नन्हे-मुन्ने बच्चों ने की पवित्र कर्बला की ज़ियारत
हौज़ा/ नन्हे बच्चों ने हज़रत फातेमा ज़हेरा स.ल.के जन्मदिन के अवसर पर खुशी का इज़हार करते हुए कर्बला ए मुकद्दस की ज़ियारत कि इस शुभ दिन पर तीर्थयात्रियों और कर्मचारियों ने बधाई दी और उन्हें मिठाई और फूल चढ़ाए।
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आज पूरी दुनिया में सादात इकराम की मौजूदगी यह बता रही है कि पैग़ंबरे इस्लाम स.ल.व.व.कि नस्ल उनकी बेटी के ज़रिए हर जगह फैली हुई हैः मौलाना कल्बे जावाद नकवी
हौज़ा / आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई के कार्यालय की ओर से हुसैनिया सिब्तैनाबाद में आयोजित दूसरी मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना क़ल्बे जावाद नकवी ने कहा, जिस वक्त दुश्मन पैग़ंबरे इस्लाम पर ताना देते थे की अल्लाह ने उनकी नस्ल को कत्अ कर दिया है उस वक्त अल्लाह तआला ने सूरा ए कौसर को नाज़िल किया और आपको हजरत फातेमा ज़हरा की सूरत में बेटी आता कि आज उन्हीं कि नस्ल पूरी दुनिया में फैली हुई है।
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इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई :
हज़रत पैग़म्बरे इस्लाम स.ल.व.व. की बेटी हज़रत फ़ातेमा ज़हरा की शहादत की मजलिस
हौज़ा/हज़रत फ़ातेमा ज़हरा (स.अ.) के शहादत के मौके पर गुरुवार की रात तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमाम बारगाह में मजलिस हुई।जिसमें इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई भी शामिल हुए। जबकि कोविड प्रोटोकोल की वजह से श्रद्धालुओं की आम शिरकत नहीं हुई।
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:दिन की हदीस
हज़रत फातेमा ज़हेरा स.ल. की दुनिया में तीन पसंदीदा चीज़ें
हौज़ा/हज़रत फातेमा ज़हेरा स.ल.ने एक रिवायत में दुनिया में अपनी तीन पसंदीदा चीज़ों को बयान किया है।
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हज़रत फ़ातेमा ज़हेरा कि शहादत की मुनासेबत पर इमाम ख़ुमैनी इमाम बारगाह में मजलिस, सुप्रीम लीडर ने शिरकत कि
हौज़ा/तेहरान की इमाम ख़ुमैनी र.ह. इमाम बारगाह में हज़रत फ़ातेमा ज़हेरा सलामुल्लाह अलैहा के शहादत दिवस के उपलक्ष्य में शोक सभाओं का सिलसिला जारी है।
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अलजवाद फाउंडेशन की ओर से अय्यामें फतेमिया कि मजालिस देश विभिन्न इलाकों में आयोजित की गई,
हौज़ा/अलजवाद फाउंडेशन की ओर से अय्यामें फतेमिया कि मजालिस पिछले साल की तरह इस साल भी श्रद्धा और सम्मान के साथ भारत के विभिन्न शहरों और प्रांतों में और मोमिनीन की हर बस्ती में मजलिस का सिलसिला जारी है।
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हौज़ाये इल्मिया इमाम मोहम्मद बाकिर अलैहिस्सलाम की ओर से,अय्यामे फ़ातेमिया,में मजालिस अज़ा का आयोजन
हौज़ा/जम्मू प्रांत में 4 जनवरी 2022 से 6 जनवरी 2022 तक अय्यामे फ़ातेमिया स.ल के सिलसिले में तीन दिवसीय मज़ालिसे अज़ा का आयोजन किया गया है।
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शहीद क़ासिम सुलैमानी को दी गई श्रद्धांजलि, एहसान नही भूलेगा हिंदुस्तान
हौज़ा/हरिद्वार के मंगलौर कस्बे में ईरान के विश्व विख्यात सैन्य जनरल और आई एसआई एस जैसे क्रूर आतंकी संगठन के वजूद से सीरिया और इराक को बचा कर दुनिया को इस आतंकी खतरे से बचाने वाले क़ासिम सुलैमानी और उनके साथियों को याद कर श्रद्धांजलि दी गई।
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इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई:
हज़रत फतेमा ज़हेरा स.अ. की शहादत दिवस के अवसर पर शोक सभाओं के प्रोग्राम का एलान
हौज़ा/सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई के दफ़्तर से एक एलान जारी हुआ है कि तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में हज़रत फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा की शहादत के ख़ास दिनों 'अय्यामे फ़ातेमिया' की मजलिसों का प्रोग्राम आयोजित होगा
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हिंदुस्तान में अलजवाद फाउंडेशन कि ओर से किताबें और परचम पहुंचाने की मुहिम शुरू हैं।
हौज़ा/ हिंदुस्तान के इमामबारगाहों में अय्यामें फातेमीया कि तैयारियां शुरू हो गई है और इमामबारगाहें को परचम और बैनर से सजाया जा रहा है,अलजवाद फाउंडेशन कि ओर से किताबें और परचम पहुंचाने की मुहिम जारी हैं।
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ग़मे फ़ातेमा को समझे बिना फ़ातेमी नही बन सकते, हुज्जतुल इस्लाम मुज़फ़्फ़र हुसैन बट
हौज़ा / हमें अपने दुःख को फातिमा (स.अ.) के साथ सामंजस्य स्थापित करना चाहिए, अर्थात हमारे दुःख का स्तर हज़रत फ़ातिमा (स.अ.) के दुःख के मानक के समान होना चाहिए क्योंकि जब तक हम फातिमा (स.अ.) के दुःख को नहीं समझते हैं फातेमी नहीं बन सकते।
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वह दिन दूर नहीं जब आय्यामें फातेमीया आशूरा की तरह मनाया जाएगा, अल्लाह शेख़ सादिक़ जाफरी
हौज़ा/मजलिसे अज़ा को संबोधित करते हुए एमडब्ल्यूएम के सदस्य ने कहा कि आज मुसलमान जनाबे सैय्यदा स.ल. किस ज़ात को आइडियल बनाएं तो समाज में न्याय और इंसाफ हर तरफ दिखाई देगा, आज अगर हम बीवी सैय्यदा के रास्ते पर चलते हैं तो अल्लाह तआला हमें फज़ीलत अता करेगा,
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सिरसी सादात में पांच दिवसीय मजालिस का समापन
हज़रत फतेमा ज़हरा स.ल.की दृढ़ता और स्थिरता दुनिया के लिए अच्छा उदाहरण:मौलाना सैय्यद हैदर अब्बास रिज़वी
हौज़ा / हादी टी.वी. लखनऊ के अध्यक्ष ने जन्नतुल बक़ी की वीरानी पर चिंता जताते हुए कहा कि इंटरनेशनल संगठनों से अपील है कि आले सऊद अगर इसकी आबाद कारी नहीं करते तो हम को आबाद करने का अवसर दें!