हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , जामिया अज़ज़हरा (स.ल.) की निदेशक सैय्यदा ज़हेरा बुरक़ई ने "छात्र दिवस" के अवसर पर जारी अपने संदेश में कहा,विश्वविद्यालय केवल आधुनिक विज्ञान का केंद्र नहीं है, बल्कि आत्म-निर्माण, पहचान की खोज, इस्लामी सभ्यता के निर्माण और राष्ट्रीय व धार्मिक संसाधनों के उपयोग का एक मोर्चा है जहाँ पश्चिम के सांस्कृतिक और वैज्ञानिक प्रभुत्व के खिलाफ प्रतिरोध पैदा होता है।
श्रीमती बुरक़ई ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा,वे ज्ञान में अग्रणी, नैतिकता और आध्यात्मिकता में आदर्श, सामाजिक जिम्मेदारी में ईमानदार और न्यायप्रिय तथा आशा का संचार करने में एक चमकता दीपक बनें। उनके इस संदेश का पाठ निम्नलिखित है:
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
प्रिय छात्रों,
छात्र दिवस के इस पावन दिन को जो अंतर्दृष्टि बौद्धिक संघर्ष और तानाशाही के खिलाफ प्रतिरोध की याद दिलाता है, मैं इस्लामी मातृभूमि के सभी छात्रों, विशेष रूप से विदुषी और विचारशील महिलाओं को हार्दिक बधाई देती हूँ।
प्रिय छात्रों, आज आपने एक ऐसे क्षेत्र में कदम रखा है जो न केवल नए ज्ञान को प्राप्त करने का क्षेत्र है, बल्कि राष्ट्रीय और धार्मिक संसाधनों से आत्म-निर्माण, पहचान और इस्लामी सभ्यता के निर्माण के लिए, आत्मविश्वास प्राप्त करने और पश्चिम के सांस्कृतिक व वैज्ञानिक प्रभुत्व के खिलाफ प्रतिरोध के लिए एक मोर्चा है।
सुप्रीम लीडर ने हमेशा विश्वविद्यालय को विचार की उत्पत्ति का केंद्र और देश की प्रगति का आधार बताया है और इस बात पर जोर दिया है कि "छात्र जीवंत, जागरूक, मांग करने वाले और आशा का संचार करने वाले होने चाहिए इसी आधार पर विश्वविद्यालय पर समाज की एक बड़ी जिम्मेदारी आती है ऐसी जिम्मेदारी जो प्रतिबद्धता, शैक्षिक नैतिकता, न्यायप्रियता और इस्लामी ईरान की महानता के लिए निस्वार्थ संघर्ष के माध्यम से अर्थपूर्ण होती है।
आज पहले से कहीं अधिक देश को ईमानदार, बुद्धिमान, आत्मविश्वासी और जिहादी भावना से युवाओं की आवश्यकता है ऐसे युवा जो ज्ञान और आध्यात्मिकता पर भरोसा करते हुए समाज की बौद्धिक, सांस्कृतिक और आर्थिक गुत्थियों को सुलझा सकें और विकास एवं सभ्यता-निर्माण के लिए नए मार्ग खोल सकें।
आप छात्रों का कर्तव्य है कि वास्तविक "छात्र पहचान" पर भरोसा करते हुए, न तो अपने आप को दूसरों की संस्कृति के दर्पण में देखें, बल्कि आलोचनात्मक और चयनात्मक दृष्टिकोण के साथ ज्ञान और प्रौद्योगिकी का उपयोग देश की उन्नति और इस्लामी मूल्यों की मजबूती के लिए करें।
जामिया अज़ज़हरा (स) भी गर्व के साथ स्वयं को विश्वविद्यालय का सहयात्री और सामंजस्यपूर्ण मानती है और इस बात पर विश्वास रखती है कि हौज़ा और विश्वविद्यालय के बौद्धिक व सांस्कृतिक आदान-प्रदान से देश का भविष्य अधिक उज्ज्वल, मजबूत और इस्लामी ज्ञान पर आधारित हो सकता है।
सैय्यदा ज़हेरा बुक़ाई
निदेशक, जामिया अज़-ज़हरा (स)
आपकी टिप्पणी