रविवार 25 मई 2025 - 21:37
मुस्लिम महिलाओं को आधुनिक इस्लामी संस्कृति के लिए एक आदर्श बनना चाहिए

हौज़ा / जामिया अलज़हेरा की प्रमुख ने कहा, मुस्लिम महिलाओं को आधुनिक इस्लामी संस्कृति के लिए एक मॉडल बनना चाहिए वह एक ऐसी महिला हो जो विचारशील हो, इबादत करने वाली हो, परिवार की व्यवस्था संभालने वाली हो, सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभाए और साथ ही पारिवारिक जिम्मेदारियों का भी पालन करे।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, लेबनान के शहीदों की विधवाओं और कुछ चुनिंदा महिलाओं ने जामिया अलज़हेरा की प्रमुख सैय्यदा ज़हेरा बरकई से मुलाकात की। 

उन्होंने मेहमान महिलाओं का स्वागत करते हुए रहबर-ए मोअज़्ज़म (सर्वोच्च नेता) के कथन का हवाला दिया कि शहीद "महफिलों के चिराग" हैं और कहा, आपकी मौजूदगी हर महफिल को रौशन कर देती है। आज अलज़हरा विश्वविद्यालय को यह सम्मान प्राप्त है कि वह प्रतिरोध के शहीदों के परिवारों की मेज़बानी कर रहा है। 

सैय्यदा ज़हेरा बरकई ने कहा कि शहीदों के मार्ग को जारी रखना एक ईश्वरीय जिम्मेदारी है। कुरआन हमें बताता है कि शहीदों के रास्ते को ईमान वाले जारी रखेंगे और उनकी याद को जीवित रखना हमारा मूल कर्तव्य है। 

उन्होंने महिलाओं की भूमिका को सांस्कृतिक, पहचान-संबंधी और साम्राज्यवादी चुनौतियों के सामने अत्यंत महत्वपूर्ण बताया और कहा, महिलाएं इस्लामी समुदाय में बौद्धिक और सांस्कृतिक परिवर्तन की अग्रिम पंक्ति में खड़ी हैं, और लेबनानी महिलाओं ने नई पीढ़ी के प्रशिक्षण और प्रतिरोध के संवाद को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 

उन्होंने रहबर-ए मोअज़्ज़म के सभ्यता-निर्मात्री महिला के विचार को स्पष्ट करते हुए कहा, मुस्लिम महिला वह व्यक्तित्व है जो धर्म और इबादत से जुड़ी हो, विचार और ज्ञान में लगी हो, परिवार की देखभाल करने वाली हो, सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय हो, और अपने पारिवारिक कर्तव्यों से अनजान न हो। 

सैय्यदा बरकई ने प्रतिरोध मोर्चे की हौज़वी (धार्मिक शिक्षा प्राप्त) और विश्वविद्यालयी महिलाओं के लिए एक वैश्विक संघ बनाने का प्रस्ताव रखा और कहा, अल-ज़हरा विश्वविद्यालय (स) इस संघ के केंद्र की स्थापना के लिए तैयार है, ताकि ईरान, लेबनान, सीरिया और अन्य प्रतिरोधी देशों की महिलाओं के बीच वैज्ञानिक और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा दिया जा सके।

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