हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , अज़फ़र फाउंडेशन अलीगढ़ अपनी सोच, कार्य और सफलता प्राप्त करने के कारण, एक अनोखे संस्थान में तब्दील हो चुका है; इस सफलता का श्रेय फाउंडेशन के संस्थापक आदरणीय असगर मेंहदी साहब को जाता है। आपने अपनी योग्यता और बुद्धिमत्ता के साथ दिन-रात की मेहनत, योजनाबद्धता, ईमानदारी और नेकनीयती से सपनों को साकार किया है। अज़फ़र फाउंडेशन एक आवासीय कोचिंग सेंटर है जहाँ हर तरह की शैक्षिक सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
अलीगढ़ में जनाब मसूद ने जनाब असगर महदी साहब के साथ कोचिंग कार्यक्रम की स्थिति की समीक्षा की। वहाँ के छात्रों के लिए भारत सरकार में विभिन्न पदों पर अधिकारियों की भर्ती के लिए स्टाफ सिलेक्शन कमीशन एसएससी परीक्षा के बारे में विस्तृत प्रारूप से रूबरू हुए।
जनाब मसूद ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रारंभिक लक्ष्य निर्धारित करके बड़ी सफलता उचित समय के भीतर प्राप्त की जा सकती है।
जनाब मसूद ने छात्रों को सलाह दी कि पहले वर्ष स्नातक स्तर पर ही आईएएस/आईपीएस/आईसीएस, वैज्ञानिक, न्यायपालिका, उद्यमिता, उच्च व्यवसाय/निवेशक और अन्य सिविल सेवा प्रतियोगी परीक्षाओं आदि में रुचि लें और आकर्षित हों। साथ ही लक्ष्य अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिसके अनुरूप निरंतर उत्साह और ऊर्जा के साथ तैयारी में लगे रहें।
उन्होंने कहा कि पहले वर्ष के भीतर ही स्नातक छात्रों को अपने करियर के बारे में विचार करना आवश्यक है और यह हमेशा बड़े सपने हों। इसी के माध्यम से आपका भविष्य उज्ज्वल और उपयोगी होगा। तभी आप अपने प्यारे वतन भारत की राष्ट्रीय निर्माण में अपनी भूमिका निभा सकेंगे।
जनाब मसूद ने ज़ोर देकर कहा कि किसी भी छात्र को बेराहगर न छोड़ा जाए, किसी को प्रतिभा से पीछे न छोड़ा जाए और छात्रों को भविष्य के नेता बनने के लिए तैयार किया जाए, यह समय की मांग है।
उन्होंने जनाब असगर मेंहदी से अनुरोध किया कि बड़े सपनों की संस्कृति और प्रारंभिक लक्ष्यों के निर्धारण का एक पर्यावरण तंत्र विकसित करना आपके जिम्मे है और हम दुआ करते हैं कि आप इसमें सफल हों। आपकी सफलता छात्रों, समाज और देश की प्रगति और सफलता है।
इस अवसर पर जनाब मसूद ने बताया कि हमारी खैर सगाली फाउंडेशन ने अज़फ़र फाउंडेशन को 2.5 लाख रुपये के अनुदान सहायता की स्वीकृति दी है, जिसमें से अब तक 62,500 रुपये की पहली किस्त जारी की जा चुकी है।
आपकी टिप्पणी