हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रसिद्ध समाजसेवी, ईमानदार बुद्धिजीवी और छात्र-हितैषी व्यक्तित्व श्री हाजी सय्यद मसूद हुसैन (पूर्व अध्यक्ष, केंद्रीय जल आयोग, जल संसाधन मंत्रालय, भारत सरकार) द्वारा सिविल लाइंस/अल-उस्फुर सेंटर ऑफ लर्निंग, साहिब-ए-असर मंजिल, अलीगढ़ में “शिक्षा और रोजगार” विषय पर एक ज्ञानवर्धक प्रस्तुति का आयोजन किया गया।
इस प्रस्तुति में बड़ी संख्या में छात्रों ने भाग लिया। मसूद साहब के भाषण ने युवाओं में जोश, उम्मीद और नई दिशा की भावना पैदा की। उन्होंने बहुत गंभीरता और ईमानदारी से वर्तमान शिक्षा प्रणाली, रोजगार की संभावनाओं और जमीनी हकीकत पर प्रकाश डाला और छात्रों से परिस्थितियों के अनुसार खुद को तैयार करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि हर साल सिविल सेवाओं के तहत 700 से 800 लोग चयनित होते हैं, जबकि एसएससी-सीजीएल/सीएचएसएल जैसी परीक्षाओं के माध्यम से 15 से 20 हजार रिक्तियां सृजित होती हैं, जिन पर ध्यान केंद्रित करने से सफलता का मार्ग प्रशस्त हो सकता है।
शिक्षा की गुणवत्ता की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि एक सरकारी रिपोर्ट के अनुसार 50 प्रतिशत इंजीनियरिंग छात्र रोजगार नहीं पा पाते, क्योंकि अधिकांश संस्थान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और प्रशिक्षण देने में असमर्थ हैं। उन्होंने नेट पास करने वालों को चेताया कि डॉक्टर बन जाना भी नौकरी की गारंटी नहीं है, इसलिए सिर्फ सपने देखने से पहले वास्तविकता को समझें और साथ ही "प्लान बी" भी तैयार रखें।
सय्यद मसूद हुसैन ने छात्रों को ईमानदारी से बताया कि इन दिनों स्नातकोत्तर छात्र एमटीएस जैसे प्रवेश स्तर के पदों के लिए भी आवेदन कर रहे हैं, इसलिए कर्मचारी चयन आयोग जैसे व्यावहारिक अवसरों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
उन्होंने सरल भाषा में एसएससी परीक्षाओं की तैयारी, प्रक्रिया और सफलता के कारकों को भी समझाया।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण यह रहा कि 2018 बैच के पीसीएस अधिकारी सैयद अब्बास हसन नकवी (एसडीएम, फिरोजाबाद) ने भी इसमें भाग लिया और युवाओं के साथ अपनी तैयारी के अनुभव साझा किए।
जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के पूर्व लाइब्रेरियन श्री असलम मेहदी ने भी छात्रों को संबोधित किया और आश्वासन दिया कि अल-उस्फुर सेंटर ऑफ लर्निंग के सभी छात्रों को हर संभव सहायता और सुविधाएं प्रदान की जाएंगी और उनके साथ अपने बच्चों की तरह व्यवहार किया जाएगा।
यह प्रस्तुति न केवल विद्यार्थियों के लिए जागरूकता का स्रोत बनी, बल्कि उनके कैरियर की दिशा निर्धारित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रतिभागियों ने पाया कि यह सत्र बहुत उपयोगी और जानकारीपूर्ण था।
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