शुक्रवार 12 दिसंबर 2025 - 16:17
हज़रत फ़ातिमा ज़हरा (स) की सामाजिक, नैतिक और क्रांतिकारी सीरत हमारे लिए मशाल ए राह हैःअल्लामा सैयद शहनशाह हुसैन नक़वी

हौज़ा / अल्लामा सैयद शहनशाह हुसैन नक़वी ने कहा,आज उम्मत-ए-मुस्लिमा, ख़ासतौर पर मिल्लत-ए-जाफ़रिया को सीरत-ए-ज़हरा (स.ल.) को अपनी सामाजिक और फ़लाही तरजीहात का केंद्र बनाना होगा।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , अल्लामा सैयद शहनशाह हुसैन नक़वी ने 20 जमादियुस-सानी, दुख़्तर-ए-रसूल (स.) हज़रत फ़ातिमा ज़हरा (स.ल.) के यौम-ए-विलादत की मुनासिबत से अपने पैग़ाम में कहा,हज़रत ज़हरा (स.ल.) की ज़ात-ए-अक़्दस आलम-ए-इंसानियत के लिए कामिलतरीन उस्वा और "अमली क़ुरआन" का मज़हर है।

उन्होंने कहा,आप (स.ल.) की सीरत में तक़्वा, इफ़्फ़त ऐसार (बलिदान), अद्ल (न्याय), इल्म और शजाअत अपनी मे'राज पर नज़र आते हैं, जो हर दौर में इंसानियत के लिए रहनुमाई का सरचश्मा हैं।

अल्लामा सैयद शहनशाह हुसैन नक़वी ने कहा, बीबी फ़ातिमा (स.ल.) ने मदीना की इस्लामी बस्ती में एक ऐसे घराने की बुनियाद रखी, जिसने फ़िक्र, करदार, हुर्रियत (आज़ादी) और कुर्बानी की ऐसी रौशन मिसालें क़ायम कीं, जो रहती दुनिया तक इंसानियत को रौशनी देती रहेंगी।

आप (स.ल.) की ज़िंदगी आज की ख़वातीन (महिलाओं) व मर्दों के लिए बेहतरीन नमूना है और आप (स.) के ख़ुतबात, तालीमात और सामाजिक करदार उम्मत की इस्लाह का बुनियादी चार्टर हैं।

उन्होंने कहा, आज उम्मत-ए-मुस्लिमा, ख़ासतौर पर मिल्लत-ए-जाफ़रिया को सीरत-ए-ज़हेरा (स.) को अपनी सामाजिक और फ़लाही तरजीहात का केंद्र बनाना होगा। हज़रत ज़हेरा (स.ल.) ने हमेशा मज़लूमों, महरूम तबक़ों और अद्ल के क़याम के लिए आवाज़ बुलंद की, और यही पैग़ाम आज हमारे मुआशरे की सबसे बड़ी ज़रूरत है।

अल्लामा सैयद शहनशाह हुसैन नक़वी ने मज़ीद कहा,मुआशरी बिगाड़ नाइन्साफ़ी, अख़लाक़ी ज़वाल और तक़्सीम के इस दौर में सीरत-ए-फ़ातिमी (स.ल.) ही वह हक़ीक़ी रास्ता है, जो इत्तेहाद (एकता), करदार-साज़ी (चरित्र निर्माण) और सामाजिक इस्लाह की ज़मानत देता है।

उन्होंने इस मौक़े पर पूरी मिल्लत-ए-जाफ़रिया, पाकिस्तान और आलम-ए-इस्लाम को यौम-ए-विलादत-ए-बासआदत सैय्यदा निसाउल आलमीन (स.ल.) की मुबारकबाद पेश की।

आख़िर में उन्होंने दुआ की कि अल्लाह तआला पाकिस्तान की हिफ़ाज़त फ़रमाए और हमें हज़रत फ़ातिमा ज़हेरा (स.ल.) की सीरत पर अमल की तौफ़ीक़ आता करे।

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