हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत फातेमा ज़हेरा सल्लल्लाहु अलैहा व आलिहा के पवित्र जन्मदिन के अवसर पर, मस्जिद इमामिया में सीरत-ए-फातिमा ज़हेरा सल्लल्लाहु अलैहा व आलिहा पर संबोधन में शोधकर्ता डॉ. शहवार हुसैन नकवी ने कहा कि हज़रत सैयदा सल्लल्लाहु अलैहा व आलिहा की सीरत संसार की महिलाओं के लिए आदर्श है।
उन्होंने कहा कि हज़रत फातिमा ज़हरा सल्लल्लाहु अलैहा व आलिहा की पवित्र सीरत से परिचित होना मानव का कर्तव्य है। आवश्यकता इस बात की है कि इस अच्छे आदर्श को दुनिया के सामने प्रस्तुत किया जाए, ताकि लोग इस पवित्र सीरत के रहस्यों और गहराइयों से अवगत हो सकें और शोध संस्थानों में आपके जीवन और सेवाओं पर शोध की प्रक्रिया जारी रहनी चाहिए, ताकि हर युग और हर ज़माना इस सुगंधित फूल से महकता रहे।
मौलाना शहवार हुसैन नकवी ने आगे कहा कि उर्दू भाषा में धर्मगुरुओं के विषय में जिस तरह से शोध कार्य होना चाहिए, वह नहीं हो रहा है। युवा शोधकर्ताओं की ज़िम्मेदारी है कि वे इस महत्वपूर्ण और महान सेवा को पूरा करने के लिए आगे आएं, ताकि उनके शोध और विचारों से अधिक से अधिक लाभ उठाया जा सके।
आज दुनिया की विश्वविद्यालयों में कवियों और साहित्यकारों पर शोध हो रहा है, तो क्या धर्मगुरुओं पर शोध कार्य नहीं हो सकता, जिससे मार्गदर्शन प्राप्त करके मनुष्य सफल जीवन व्यतीत कर सके।
उन्होंने किताब "सीरत निगारी-ए-फातिमा ज़हेरा" का उल्लेख करते हुए कहा कि इस किताब में भारतीय उपमहाद्वीप में शहज़ादी-ए-कौनैन हज़रत फातिमा ज़हरा (स.ल.) के संबंध में लिखी गई लगभग 220 किताबों का परिचय प्रस्तुत किया गया है।

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