शनिवार 7 दिसंबर 2024 - 12:08
हज़रत फ़ातिमा ज़हेरा स.ल. विलायत की रक्षा करने में आखिरी सांस तक डटी रही।

हौज़ा / हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन सफ़ाई बुशहरी ने हज़रत फ़ातिमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा की इबादत और नमाज़ की कसरत को उनकी प्रमुख विशेषताओं में से एक बताया और उन्होंने कहा, हज़रत ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा अल्लाह की इबादत की प्रतीक थीं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार , ईरान के बुशहर में वली ए फ़क़ीह के प्रतिनिधि हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन सफ़ाई बुशहरी ने दश्तिस्तान शहर के गाँव "दहक़ाएद" में आयोजित शहीदों की यादगारी समारोह में संबोधित करते हुए कहा,हज़रत ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा कलमा ए तैय्यबा हैं जिन्हें ईश्वर की इच्छा से बनाया गया।

उन्होंने हज़रत ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व आलिहि वसल्लम और हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम को कलमा ए तैय्यबा" का प्रतीक बताया और कहा, इन हस्तियों का अस्तित्व एक ऐसे वृक्ष के समान है जिसमें किसी प्रकार की कमी या आपदा नहीं है। यह पूरी तरह से बरकत और नेमत से भरा है जिसका लाभ पूरी दुनिया पर छा जाता है।

हज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन सफ़ाई बुशहरी ने हज़रत ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए कहा, उनकी एक विशेषता विलायत के प्रति निष्ठा थी।

हज़रत ज़हेरा सलामुल्लाह अलैहा पैग़ंबर-ए-इस्लाम स.ल.व. के जीवनकाल में हमेशा अपने समय के इमाम यानी पैग़ंबर-ए-इस्लाम के आदेशों के अनुसार कार्य करती थीं और उनकी पूरी तरह से आज्ञापालन करती थीं।

उन्होंने आगे कहा, इसी तरह हज़रत ज़हेरा सलामुल्लाह अलैहा ने विलायत की रक्षा और अमीरुल मोमिनीन अली अलैहिस्सलाम की पैरवी और समर्थन में अपनी जान क़ुर्बान करने तक डटकर खड़ी रहीं।

बुशहर में वली-ए-फ़क़ीह के प्रतिनिधि ने हज़रत ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा के जीवन को इबादत संघर्ष और विलायत के प्रति निष्ठा का संपूर्ण उदाहरण बताया। उन्होंने उनके किरदार को शहीदों के गुणों के समान कहा और उनकी पैरवी को हर मोमिन के लिए मार्गदर्शक करार दिया।

टैग्स

आपकी टिप्पणी

You are replying to: .