हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन शेख़ मुहम्मद हसन सरवरी ने पिछले दिनों हज़रत फातिमा ज़हरा (स.अ.) के पवित्र जन्मदिन के अवसर पर कहा कि सैय्यदा (स.अ.) का नूरानी अस्तित्व हज़रत आदम (अ.स.) की रचना से भी पहले मौजूद था, जिसका उद्देश्य मानवता का मार्गदर्शन करना था।
अल्लामा शेख़ हसन सरवरी ने हज़रत फातिमा ज़हरा (स.अ.) की इबादत, सब्र व स्थिरता, उदारता और उच्च नैतिकता पर प्रकाश डालते हुए इस बात पर जोर दिया कि सैय्यदा (स.अ.) का चरित्र हमारे लिए एक व्यावहारिक आदर्श है जिससे हमें जीवन के हर पहलू में मार्गदर्शन मिलता है।
उन्होंने सैय्यदा (स.अ.) के दौर में स्वर्गीय महिलाओं की उपस्थिति का उल्लेख करते हुए इसे सैय्यदा (स.अ.) के स्थान, दर्जे और महानता का प्रमाण बताया।
अल्लामा शेख़ हसन सरवरी ने सैय्यदा (स.अ.) को पैगंबर-ए-आख़िर (स.अ.व.अ.) द्वारा दिए गए चार महत्वपूर्ण कार्यों,कुरआन का तिलावत, पैगंबरों (अ.स.) की शफाअत, मोमिनीन की माफी के लिए दुआ और हज व उमरा का सवाब, को बताते हुए समाज में कुरआनी ज्ञान पर जोर दिया।
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