हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, यह रिवायत “बिहार उल-अनवार” किताब से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال الامام الہادی علیہ السلام:
اُذْكُرْ حَسَراتِ التَّفْريطِ بِأَخْذِ تَقْديمِ الْحَزْمِ
हज़रत इमाम नक़ी (अ) ने फ़रमाया:
अपने कामों में हुई गलतियों के पछतावे को याद रखें और पक्के इरादे और अच्छी प्लानिंग से उनकी भरपाई करें।
बिहार उल अनवार, भाग 78, पेज 370
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