हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के मरकज़ में औक़ाफ़ के डॉक्यूमेंटेशन और रजिस्ट्रेशन के लिए सेंट्रल हेल्प डेस्क का उद्घाटन अमीर जमाअत-ए-इस्लामी हिंद सय्यद सआदतुल्लाह हुसैनी ने अंजाम दिया।
यह क़दम उस पृष्ठभूमि में उठाया गया है कि हुकूमत-ए-हिंद ने वक़्फ़ कानून में संशोधन करके नया “वक़्फ़ क़ानून 2025” मंज़ूर किया है, जिसे माहिरीन और दीनी इदारे मुसलमानों की वक़्फ़ जायदादों के हक़ में नुक़सानदेह बता रहे हैं। इस क़ानून के तहत तमाम पुरानी और नई वक़्फ़ जायदादों को “उमीद” नामी सरकारी पोर्टल पर रजिस्टर कराना लाज़मी क़रार दिया गया है।
उद्घाटन समारोह में औक़ाफ़ विभाग के कोऑर्डिनेटर इनामुर्रहमान ख़ान ने बताया कि “उमीद पोर्टल पर वक़्फ़ जायदादों का रजिस्ट्रेशन एक पेचीदा और वक़्त लेने वाला अमल है, इसी लिए जमाअत-ए-इस्लामी हिंद ने औक़ाफ़ के ज़िम्मेदारान और मुतवल्लियान की सहूलियत के लिए यह हेल्प डेस्क क़ायम की है, जहाँ रजिस्ट्रेशन के तमाम मराहिल में टेक्निकल रहनुमाई और मदद दी जाएगी।”
उन्होंने आगे कहा कि इस काम को संगठित तरीक़े से अंजाम देने के लिए राज्य स्तर पर भी वक़्फ़ सेल्स क़ायम किए गए हैं, ताकि पूरे मुल्क में औक़ाफ़ के तहफ़्फ़ुज़ और रजिस्ट्रेशन का अमल तेज़ी से आगे बढ़े।
अमीर जमाअत-ए-इस्लामी हिंद सय्यद सआदतुल्लाह हुसैनी ने अपने ख़िताब में कहा कि वक़्फ़ अमलाक का तहफ़्फ़ुज़ उम्मत-ए-मुस्लिमा के लिए एक बड़ा चैलेंज है और इसका मुक़ाबला एकता और एकजुटता के साथ किया जाना चाहिए।
उन्होंने स्पष्ट किया कि “रजिस्ट्रेशन का मक़सद हुकूमत के ग़ैर-मुनसिफ़ाना तर्मिमी क़ानून को क़बूल करना नहीं, बल्कि क़ानूनी तक़ाजे पूरे करते हुए इस काले क़ानून के ख़िलाफ़ संवैधानिक जद्दोजहद को जारी रखना है।”
उन्होंने यह भी कहा कि “वक़्त कम है और काम बहुत बड़ा, इसलिए मुल्क भर में इसी तरह के केंद्र स्थापित करके रजिस्ट्रेशन के अमल को तेज़ी से आगे बढ़ाया जाए।”
इस मौक़े पर प्रतिभागियों से अपील की गई कि वे वक़्फ़ तहफ़्फ़ुज़ कमिटियां बनाएँ, नौजवानों, सरकारी मुलाज़िमीन और समाजी कार्यकर्ताओं पर आधारित नेटवर्क तैयार करें, ताकि वक़्फ़ अमलाक पर नाजायज़ क़ब्ज़ों की निगरानी और दस्तावेज़ों की दुरुस्ती व रजिस्ट्रेशन को यक़ीनी बनाया जा सके।
उद्घाटन समारोह में जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के मरकज़ी ज़िम्मेदारान, अराकीन और औक़ाफ़ से वाबस्ता बहुत सी शख्सियात ने शिरकत की। इस मौक़े पर औक़ाफ़ के रजिस्ट्रेशन के लिए गाइडलाइन भी जारी किए गए।
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