इत्रे क़ुरआन आले इमरान
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इत्रे क़ुरआनः सूर ए आले इमारन !
धार्मिक समाज में कलह और दैनिक दण्ड और अत्याचार की अनिवार्यता है
हौज़ा / महशर के मैदान मे लोगों की हरकतें उनके चेहरे पर झलकेंगी। क़यामत के दिन धर्मत्यागियों को सज़ा और उनके चेहरों का काला पड़ना।
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इत्रे क़ुरआन ! सूर ए आले इमरान
मनुष्य की वास्तविकता और रचना में असली चीज़ उसका अभौतिक पहलू है
हौज़ा | हज़रत आदम और हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम की रचना में समानता। हज़रत आदम और हज़रत ईसा (अ) की रचना असाधारण थी। हज़रत ईसा (अ) हज़रत आदम (अ) की तरह, अल्लाह तआला की रचना थे, न कि उनके पुत्र।
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इत्रे क़ुरआन ! सूर ए आले इमरान
बेटा होना अल्लाह ताला के लिए मूल्य का मानक नहीं है
हौज़ा | हज़रत मरियम, अल्लाह (स) का अपने समय के सभी पुरुषों से ऊपर होना। अपनी पीढ़ी की खुशी के प्रति मनुष्य का लगाव। बच्चों के सौभाग्य और खुशी में माँ की दुआ की प्रभावशीलता और उसकी आध्यात्मिक पूर्णताएँ।
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इत्रे क़ुरआन ! सूर ए आले इमरान
तक़वे का लाज़मा अच्छे सामाजिक स्वभाव और अच्छे संस्कारों का होना है
हौज़ा | वाणी में ईमानदारी और धैर्य, अल्लाह तआला के समक्ष नम्रता, दान और भोर में क्षमा मांगना पवित्र लोगों के गुणों में से हैं।
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इत्रे क़ुरआन ! सूर ए आले इमरान
दुआ करना और सबके लिए दुआ करना एक पसंदीदा अमल है
हौज़ा | अल्लाह तआला से दुआ करना और अपने नेक कामों पर भरोसा न करना दुआ के तौर-तरीकों में से एक है।