हौज़ा / जिनके मन में पाप की बस्ती होती है उनके हृदय में मृत्यु का भय है। जब ईमान वालों के सामने मौत का नाम आता है तो ये कहते नज़र आते हैं,अगर हम सही रास्ते पर हैं, तो हमें क्या परवाह है कि मौत…
हौजा / अभिमानी कुरान ने खुद को साबित कर दिया कि मैं रिजवी नहीं रुश्दी हूं, मेरे नाम से धोखा मत खाओ लेकिन मेरे काम को देखो, क्या मेरे काम में इस्लाम का कोई गुण है? जब मेरा इस्लाम से कोई लेना-देना…
हौजा / स्वर्गीय रज़ा सिरसिवी साहब की वह नज़म जो जो उन्होंने माँ के शीर्षक के तहत लिखी थी, आज तक शायरी के इतिहास में उसका उदाहरण नही मिल सका। कई शायरो ने इस विषय पर लिखा है, लेकिन यह रज़ा सिरसिवी…