बक़ौल इमाम ख़ुमैनी र.ह:
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दुश्मन के एजेंट हमारे मुल्क में अराजकता चाहते हैं
हौज़ा/ध्यान रहे कि सभी तबक़ों में दुष्ट लोग फैले हुए हैं ताकि अपने आक़ाओं के लिए रास्ता खोल सकें यह लोग विगत की बुराइयों को फैलाना चाहते हैं और लोगों के दरमियान अराजकता फैलाना चाहते हैं।
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बक़ौल इमाम ख़ुमैनी र.ह.
सभी लोगों को सुधार और अपने मन को पाक करने की ज़रूरत हैं
हौज़ा/यह जवान हैं जिनके नफ़्स उस चीज़ को क़ुबूल करने के लिए तैयार हैं जो उन्हें पेश की जाए जवान लोगों का नफ़्स साफ़ सुथरे आइने की तरह है इसलिए उस्ताद को ऐसा उस्ताद होना चाहिए कि वह हिदायत की तरफ़ बुलाए, सुधार की तरफ़ बुलाए, इस्लाम की तरफ़ बुलाए, अच्छे अख़लाक़ की तरफ़ बुलाए,
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इस्लामी सिस्टम की एकता के ज़रिए हिफ़ाज़त कीजिए
हौज़ा/सारे मुसलमान भाई हैं और उनमें आपस में इत्तेहाद होना चाहिए, फूट नहीं होना चाहिए वह लोग जिन्हें ओहदे दिए गए हैं और क़ौम के बाक़ी तबक़ों की यह ज़िम्मेदारी है कि इस्लामी जुम्हूरिया की हिफ़ाज़त करें।
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बक़ौल इमाम ख़ुमैनीः
हक़ पर इत्तेहाद और डटे रहना, बातिल पर फ़तह का राज़ हैं
हौज़ा/इस्लामी क्रांति के पूर्व वरिष्ठ नेता हज़रत इमाम ख़ुमैनी र.ह.ने फरमाया:हमें अपने हक़ पर डटे रहना चाहिए, ऐसा न हो कि बातिल अपने बातिल पर मुत्तहिद और एकजुट हो और हम अपने हक़ में बिखरे हुए रहें।
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बक़ौल इमाम ख़ुमैनीः
अज़ादारी की मजलिसें, बातिल पर बड़े हमले के समान
हौज़ा/इस्लामी क्रांति के पूर्व वरिष्ठ नेता हज़रत इमाम ख़ुमैनी र.ह.ने फरमाया: यह मजलिसें और यह आंसू बहाना, इंसान का निर्माण करता है। यह मजलिसें, यह इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की अज़ादारी की मजलिसें, यह ज़ुल्म के ख़िलाफ़ प्रचार, असत्य के ख़िलाफ़ प्रचार हैं मज़लूम पर जो ज़ुल्म हुआ है, उसका तज़केरा हमेशा जारी रहना चाहिए
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बक़ौल इमाम ख़ुमैनी र.ह:
ग़दीर का संबंध हर दौर से हैं
हौज़ा/इस्लामी इंक़ेलाब के संस्थापक इमाम ख़ुमैनी र.ह. ने फरमाया,इस ईद को ज़िंदा रखना इस लिए नहीं है कि चिराग़ानी की जाए, क़सीदे पढ़े जाएं, महफ़िलें की जाएं, यह चीज़ें अच्छी हैं लेकिन असली बात यह हैं कि हम सब उनके नक़्शे क़दम पर चलें,