۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
इमाम

हौज़ा/इस्लामी क्रांति के पूर्व वरिष्ठ नेता हज़रत इमाम ख़ुमैनी र.ह.ने फरमाया: यह मजलिसें और यह आंसू बहाना, इंसान का निर्माण करता है। यह मजलिसें, यह इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की अज़ादारी की मजलिसें, यह ज़ुल्म के ख़िलाफ़ प्रचार, असत्य के ख़िलाफ़ प्रचार हैं मज़लूम पर जो ज़ुल्म हुआ है, उसका तज़केरा हमेशा जारी रहना चाहिए

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,इस्लामी क्रांति के पूर्व वरिष्ठ नेता हज़रत इमाम ख़ुमैनी र.ह.ने फरमाया: यह मजलिसें और यह आंसू बहाना, इंसान का निर्माण करता है। यह मजलिसें, यह इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की अज़ादारी की मजलिसें, यह ज़ुल्म के ख़िलाफ़ प्रचार, असत्य के ख़िलाफ़ प्रचार हैं मज़लूम पर जो ज़ुल्म हुआ है, उसका तज़केरा हमेशा जारी रहना चाहिए


जिस ने अब तक हर चीज़ को सुरक्षित रखा है, यही है। पैग़म्बर ने भी फ़रमाया कि “मैं हुसैन से हूं” यानी दीन को वही सुरक्षित रखेंगे और इस क़ुर्बानी ने इस्लाम धर्म को बाक़ी रखा है, हमें इसे सुरक्षित रखना चाहिए .


यह मजलिसें हैं जो अवाम के जज़्बात को इस तरह उभारती हैं कि वे हर चीज़ के लिए तैयार रहते हैं। जब लोग ये देखते हैं कि हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के जवानों को किस तरह टुकड़े-टुकड़े कर दिया गया और उन्होंने किस तरह अपने जवानों की क़ुर्बानी दी तो लोगों के लिए अपने जवानों की क़ुर्बानी आसान हो जाती है। हमारी क़ौम ने शहादत की इस भावना से इस मिशन को आगे बढ़ाया है।

इमाम ख़ुमैनी,25/11/1979

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