हौज़ा / आयतुल्लाहिल उज़्मा मकारिम शिराजी ने पति की अनुमति और पिता की मुख़ालेफ़त के बीच तआरूज़ होने की स्थिति मे धर्मस्थलों की ज़ियारत के लिए जाने से संंबंधित सवाल का जवाब दिया है।
हौज़ा/ अगर माता-पिता बूढ़े हो जाएं और उनकी वजह से परेशानी हो तो भी उन्हें "उफ़" नहीं कहना चाहिए। इमाम अली नक़ी (अ) से वर्णित है कि माता-पिता की अवज्ञा एक पाप है जिसका बोझ व्यक्ति उठाने में असमर्थ…