मंगलवार 5 अगस्त 2025 - 08:13
शरई अहकाम । धर्मस्थलों की ज़ियारत के लिए पति की अनुमति और पिता की मुख़ालेफ़त के बीच तआरुज़

हौज़ा / आयतुल्लाहिल उज़्मा मकारिम शिराजी ने पति की अनुमति और पिता की मुख़ालेफ़त के बीच तआरूज़ होने की स्थिति मे धर्मस्थलों की ज़ियारत के लिए जाने से संंबंधित सवाल का जवाब दिया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार,  धर्मस्थलो की ज़ियारत करने का सपना कई मोमिनों का अरमान होता है। लेकिन कभी-कभी ऐसी परिस्थिति आती है जब इस यात्रा में मुश्किलें होती हैं, खासकर तब जब पति की अनुमति और पिता की सहमति में टकराव हो। यह बात खासकर उन इलाकों में असुरक्षा के कारण ज्यादा जरूरी है कि इस मामले का सही इस्लामी हुक्म समझा जाए, ताकि ज़ायर (यात्री) पूरी शांति और भरोसे के साथ यह धार्मिक फ़र्ज़ अदा कर सकें।

आयतुल्लाहिल उज़्मा मकारिम शिराजी ने पति की अनुमति और पिता की सहमती के बीच तआरूज़ होने की स्थिति मे धर्मस्थलों की ज़ियारत के लिए जाने से संंबंधित सवाल का जवाब दिया है। जिसे हम शरई मसाइल मे रूचि रखने वालो के लिए पूछे गए सवाल औस उसके उत्तर का पाठ प्रस्तुत कर रहे है।

सवाल: अगर कोई महिला अपने पति की अनुमति से धर्मस्थल की यात्रा करना चाहती है, लेकिन उसके पिता सुरक्षा की वजह से इस यात्रा से मना करते हैं, तो क्या महिला इस यात्रा पर जा सकती है?

जवाब: अगर पति के अधिकार और पिता की सहमति में टकराव हो, तो पति के अधिकार का पालन करना ज़्यादा जरूरी है।

स्रोत:
आयतुल्लाह मकारिम शरीजी के सवाल-जवाब की साइट से।

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