माहे शाबान
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इस्लाम मे महिलाओं को एक विशेष और उच्च स्थान प्राप्त है
हौज़ा / जामेअतुज -ज़हरा (स) के उपदेशक और सांस्कृतिक मामलों और जामेअतुज -ज़हरा (स) के कुरान और हदीस विभाग के संरक्षक ने क़ुम अल-मुक़द्देसा मे हुज्जतुल-इस्लाम वल मुस्लेमीन शहरिस्तानी के साथ मुलाकात कर चर्चा की।
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इस्लामी कैलेंडर:
13 शाबान अल मोअज़्ज़म 1445 - 23 फ़रवरी 2024
हौज़ा / इस्लामी कैलेंडर: 13 शाबान अल मोअज़्ज़म 1445 - 23 फ़रवरी 2024
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इस्लामी कैलेंडर:
8 शाबान अल मोअज़्ज़म 1445 - 18 फ़रवरी 2024
हौज़ा / इस्लामी कैलेंडरः 8 शाबान अल मोअज़्ज़म 1445 - 18 फ़रवरी 2024
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दिन की हदीस:
माहे शाबान का नाम रखने की वजह
हौज़ा/हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने एक रिवायत में माहे शाबान का नाम रखने की वजह बयान की हैं।
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21 शाबान 1444 - 14 मार्च 2023
हौज़ा / इस्लामी कैलेंडर: 21 शाबान 1444 - 14 मार्च 2023
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धार्मिक विद्वान और चिकित्सक, समाज में अहम भूमिका निभाते हैं: हुज्जतुल इस्लाम सैयद अबुल कासिम रिजवी
हौज़ा / मेलबर्न के इमाम जुमा ने कहा: धार्मिक विद्वान और डॉक्टर की समाज में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। एक शरीर का डॉक्टर होता है और दूसरा आत्मा का डॉक्टर होता है। एक पर इलाज की जिम्मेदारी होती है और दूसरे पर जिम्मेदारी रोगी और उसके परिवार को निराशा से बाहर निकालें और उन्हें ईश्वर में विश्वास रखने के लिए प्रोत्साहित करें।
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इबादत, फज़ीलत, रहमत और माफी की रात शब-ए-बारात ,इमाम मौलाना खुर्शीद आलम
हौज़ा/ इस्लाम में शब-ए-बारात की रात की काफी अहमियत है मुसलमान पूरी रात नमाज़, कुरान पढ़ते हैं और अल्लाह तआला से अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं. मुस्लिम समुदाय के लोग शब-ए-बारात को अपने पुरखों की कब्र पर भी जाते हैं और फातेहा पढ़ते हैं।
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12 शाबान 1444 - 5 मार्च 2023
हौज़ा / इस्लामी कैलेंडरः 12 शाबान 1444 - 5 मार्च 2023
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दिन की हदीसः
शाबान के महीने में रोज़े का फल
हौज़ा / हजरत इमाम अली (अ) ने शाबान के महीने में रोज़े के फल को एक रिवायत में वर्णित किया है।
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तस्वीरें / शाबान महीने के आने पर बैनल-हरमैन कर्बला ए मोअल्ला का दृश्य
हौज़ा/ शाबान महीने के आगमन के साथ, इस्लामी देशों के कई तीर्थयात्री इमाम हुसैन (अ.स.) का जन्म दिवस मनाने के लिए कर्बला पहुंचे हैं।
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दिन की हदीसः
शाबान के महीने में इस्तग़फ़ार की फ़ज़ीलत
हौज़ा / हज़रत इमाम रज़ा (अ.स.) ने एक रिवायत में शाबान के महीने में इस्तगफ़ार की फ़जीलत की ओर इशारा किया है।
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:दिन की हदीस
ऐसा अमल जो पैग़ंबरे इस्लाम स.ल.व.व. की शिफाअत का सबब हैं।
हौज़ा/हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने एक रिवायत में माहे शाबान के रोज़े को अपनी शिफाअत का सबब करार दिया हैं।
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:दिन की हदीस
माहे शाबान का नाम ,,शाबान,, रखने की वजह
हौज़ा/हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने एक रिवायत में माहे शाबान का नाम ,,शाबान,, रखने की वजह को बयान किया हैं।