शुक्रवार 31 जनवरी 2025 - 06:31
पैगम्बर (स) की शफ़ाअत का कारण बनने वाला अमल

हौज़ा / पैगंबर (स) ने एक रिवायत में कहा है कि शाबान के महीने में रोज़ा रखना उनकी शफ़ाअत का एक साधन है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "बिहार उल-अनवार" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:

قال رسول الله صلى ‏الله ‏عليه ‏و ‏آله وسلم:

شَعبانُ شَهري و رَمَضانُ شَهرُ اللّه ِ فَمَن صامَ شَهري كُنتُ لَهُ شَفيعا يَومَ القِيامَةِ

पैगम्बर (स) ने फ़रमाया:

शाबान मेरा महीना है और रमज़ान अल्लाह का महीना है। जो कोई मेरे महीने (शाबान) में रोज़ा रखेगा, मैं क़यामत के दिन उसकी शफ़ाअत करूँगा।

बिहार उल-अनवार, भाग 97, पेज 83

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