हौज़ा/ आयतुल्लाहिल उज़्मा खामेनेई ने शरई अहकाम के उस फैसले पर प्रतिक्रिया दी है जिसमें कहा गया है कि “महिलाओं को महिलाओं की मजालिस मे नौहा पढ़ना चाहिए, ऐसे हालात में जब गैर-महरम पुरुषों के आवाज़…