۸ مهر ۱۴۰۳ |۲۵ ربیع‌الاول ۱۴۴۶ | Sep 29, 2024

शौकत भारती

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  • भारतीय धार्मिक विद्वानों का परिचय | अल्लामा रोशन अली ख़ान

    क़िस्त न 84

    भारतीय धार्मिक विद्वानों का परिचय | अल्लामा रोशन अली ख़ान

    हौज़ा / पेशकश: दानिशनामा इस्लाम, इंटरनेशनल नूरमाइक्रो फिल्म सेंटर दिल्ली काविश: मौलाना सैयद गाफ़िर रिज़वी छोलसी और मौलाना सैयद रज़ी ज़ैदी फ़ंदेड़वी

  • अरबईन पर एक सवाल! मुसलमानो क्या यही अजरे रिसालत और पैरवीए अहलेबैत है?

    अरबईन पर एक सवाल! मुसलमानो क्या यही अजरे रिसालत और पैरवीए अहलेबैत है?

    हौज़ा / मुसलमानो से अल्लाह ने कुरान में अजरे रिसालत यानी अल्लाह ने जो कुछ अपने रसूल के जरिए मुसलमानो को नेमतें दी जन्नत का रास्ता दिखाया और इस काम केलिए जिंतनी तकलीफों को बर्दाश्त किया उसकी उजरत अल्लाह ने अपने बंदों से रसूल अल्लाह के क़राबत दारों की मोअददत मांगी। इतना ही नहीं अपनी उम्मत को कयामत तक गुमराह से बचाने और जन्नत तक आसानी से पहुंच जाने के लिए कुरान और कुरान के एक्सपर्ट और कुरान पर 100% अमल करने वाले रोल मॉडल जिनसे मोहब्बत का नाम अजरे रिसालत है उनके दामन से वाबस्ता होने और अपने उन कराबत दरों के पीछे पीछे चलने और उनसे मोहब्बत करने का हुक्म दिया था।

  • कुछ भी नहीं बदला है,कल भी इमामे काबा बेहिस थे और आज भी बेहिस हैं

    कुछ भी नहीं बदला है,कल भी इमामे काबा बेहिस थे और आज भी बेहिस हैं

    हौज़ा / 1400 साल पहले काबे में इमामत करने वाला इमामे काबा पुराने यजीद के खिलाफ़ बोलने की हिम्मत नहीं रखता था क्यों की वो यजीद इब्ने मोआविया का गुलाम था और आज का इमामे काबा नेतन याहू और अमरीका जैस आज के यजीद के गुलाम किंग सलमान का सब से बड़ा गुलाम बना हुआ है कुछ भी नहीं बदला है,कल भी इमामे काबा बेहिस थे और आज भी बेहिस हैं।

  • हाय गर्मी, हाय गर्मी, हाय महंगाई, हाय महंगाई

    हाय गर्मी, हाय गर्मी, हाय महंगाई, हाय महंगाई

    हौज़ा / आज जो हम तेज़ी से बढ़ रहे टेंप्रेचर की वजह से तपती हुई गर्मी में जल रहे हैं और हाय गर्मी,हाय गर्मी कर रहे हैं,या महंगाई बढ़ने की वजह से हाय महंगाई,हाय महंगाई कर रहे हैं अगर हम सब लोगों ने रसूल अल्लाह की हिदयात को अपनाते हुए प्लांटेशन किया होता तो हमें ये दिन कभी देखने को न मिलते।।

  • काबा और मदीना कितने कमज़ोर हाथों में है!

    काबा और मदीना कितने कमज़ोर हाथों में है!

    हौज़ा / फिलिस्तीन में हर मिनट पर बम बरस रहें हैं गोलियां बरस रहीं हैं चीख पुकार और दुआओ की आवाज़ गूंज रही है और सऊदी अरब जैसे इस्लामिक मुल्क में जहां से हर तरह की बुराइयां रसूल अल्लाह ने खत्म की थीं वहीं पर म्यूजिक का बड़ा प्रोग्राम होने जा रहा है और शकीरा और शकीरा जैसी बेहूदा डांसर्स नाचने के लिए आ रही हैं। 

  • फिलिस्तीन इसराइल जंग और कुरान

    फिलिस्तीन इसराइल जंग और कुरान

    हौज़ा / अल्लाह का शुक्र है की इन सब के बा वजूद वो छोटा सा फिलिस्तीन अल्लाह की ताकत के भरोसे उस इसराइल के खिलाफ डटा हुआ है जिसकी पुश्त पर अमरीका ब्रिटेन और ज्यादा तर यूरोप के मुल्क खड़े हुए है।

  • ग्रेटर इसराइल का ख्वाब देखने वाले इसराइल की उल्टी गिनती शुरू

    ग्रेटर इसराइल का ख्वाब देखने वाले इसराइल की उल्टी गिनती शुरू

    हौज़ा/ग्रेटर इसराइल का ख्वाब देखने और गाज़ा खाली करा कर गाज़ा पर कब्जा करने की कोशिश करने वाले इसराइल की उल्टी गिनती शुरू, बेगुनाह औरतों बच्चों को भूखा प्यासा रखने उन पर बम बरसाने वाले इसराइल को उसका ही सबसे बड़ा साथी जंग रोकने को कह रहा है मगर इसराइल नहीं मान रहा आप उसके बर्बादी का दिन करीब हैं।

  • जिंदा जमीर इंसान बेशर्मों से सवाल करें।

    जिंदा जमीर इंसान बेशर्मों से सवाल करें।

    हौज़ा/दुनिया के अमन पसंद इंसानों,अमरीका,ब्रिटेन,यूरोप और एशिया के तमाम रूलर्स से सवाल करो यूनाइटेड नेशन से पूछो वो बताएं इस नक्शे वाला 1947 का फिलिस्तीन कहां खो गया,किसने फिलिस्तीन पर कब्ज़ा कर लिया? इस नक्शे में इसराईल जहां पर हो ढूंढ कर बताओ!

  • आक़ाए शाकिरी का काम क़ाबिले तारीफ़!

    आक़ाए शाकिरी का काम क़ाबिले तारीफ़!

    हौज़ा/दिल्ली में नुमायंदगी अल मुस्तफा और फारसी विभाग दिल्ली यूनिवर्सिटी दोनो की ओर से दिल्ली यूनिवर्सिटी में इमाम ख़ुमैनी और महात्मा गांधी की नज़र में जिंदगी का मफहूम जैसे बेहतरीन शीर्षक पर कांफ्रेंस हुई,इस कांफ्रेंस के लिए आक़ाए शाकिरी की जितनी तारीफ की जाये कम हैं इस कांफ्रेंस में तय पाया की हिंदुस्तान के मुख्तलिफ शहरों में भी होनी चाहिए ताकि नई नस्ल को अजीम हस्तियों के बीच पाई जाने वाली यकसानियत और उनके कारनामों को समझने का ज्यादा से ज्यादा मौका मिले,ये दोनो हस्तियां वो थी जो बड़ी बड़ी सुपर पावर्स के मुकाबले में अपनी सच्चाई और ईमानदारी के भरोसे खड़ी हो गईं

  • तुलका और मोअललिफातुल कुलूब को सहाबी बताने वाले रसूल अल्लाह स.व के मुखालिफ हैं

    तुलका और मोअललिफातुल कुलूब को सहाबी बताने वाले रसूल अल्लाह स.व के मुखालिफ हैं

    हौज़ा / जंगे सिफफीन में हजरत अली की तरफ से लड़ने वाले हजरत अम्मार को जब माविया की फौज ने शहीद कर दिया तो हदीसे अम्मार से हर किसी पर साबित हो गया की माविया ही जहन्नम की तरफ बुलाने वाले इस्लाम के बागी गिरोह का सरदार है।

  • इंटरनेट के दौर में यजीद और यजीद के खानदान की दिफा करने वाले हो रहे हैं नंगे

    इंटरनेट के दौर में यजीद और यजीद के खानदान की दिफा करने वाले हो रहे हैं नंगे

    हौज़ा / रसूल अल्लाह ने  कलेजा चबाने वाले गैंग को माफ नहीं किया था बल्कि वाजीबुल कत्ल होने के बाद भी जान बक्श दी थी  ये सारे कातिल और जालिम सजा के मुस्तहेक थे, अपने चचा का कच्चा कलेजा चबाए जाने वाले जुल्म पर रसूल अल्लाह ने सब्र कर लिया और इस शर्त के साथ उनकी जान बक्श दी मुआवीया की मां हिंदा और हब्शी कभी रसूल अल्लाह के सामने न आएं। 

  • नमाज़ और अजादारी दोनो ही इबादत हैं

    नमाज़ और अजादारी दोनो ही इबादत हैं

    हौज़ा /  हमेशा याद रखें कुरान और हदीस सुना कर आयत और हदीस की रौशनी में इसलाह करना ही वाकई इसलाह है बाकी सब फसाद और कयास है इस लिए इस काम से दूर रहें।कौम के इत्तेहाद के लिए बहुत जरूरी है की कौम के सामने आयाते कुरानी और अहादीसे मसूमीन और सीरते मासूमीन हर वक्त पेशे नज़र रख कर ही इसलाह की जाए।

  •  बुरों को बुरा और अच्छों को अच्छा कहना कुरानी तरीका है

    सहाबियत की डिफिनेशनः

     बुरों को बुरा और अच्छों को अच्छा कहना कुरानी तरीका है

    हौज़ा / दुनिया भर के अक्लमंदो,इंसाफपसंदो और दबेकुचलो की यही पुकार है कि *अच्छाइयां करने वालों को ईनाम और बुराइयां करने वालों को सज़ा मिलनी चाहिए*!  अक्ल भी यही चाहती है,इंसाफ भी यही चाहता है और दबे कुचले इंसान भी यही चाहते हैं की अच्छे लोगों को ईनाम और बुरे लोगों को सज़ा मिले,यही वजह है की कुरान जो अदल और अमन कायम करने की सब से बड़ी इलाही किताब है उसमें साफ साफ लिखा हुआ हैं की  *जो ज़र्रा बराबर नेकी यानी अच्छे काम करेगा उसे उसकी जज़ा मिलेगी जो ज़र्रा बराबर बदी करेगा यानी बुरे काम करेगा उसे उसकी सज़ा मिलेगी* *कुरान का ये उसूल 1400 साल पहले वाले मुसलमानों के लिए भी है और कयामत तक पैदा होने वालों के लिए भी है,ये उसूल अहलेबैत,अज़वाज और असहाब सबके लिए है कोई अगर इसका इंकार कर दे तो वो खुद गलत है*।

  • कड़वा सच,कुरान को पकड़ा नहीं और अहलेबैत को जिंदा छोड़ा ही नहीं

    कड़वा सच,कुरान को पकड़ा नहीं और अहलेबैत को जिंदा छोड़ा ही नहीं

    हौज़ा / कुरान और अहलेबैत दोनों किसी भी हाल में एक दूसरे से जुदा नहीं होंगे और दोनों हौज़े कौसर पर एक साथ उनके पास पहुचेंगे।इस हदीस से ये साफ़ हो गया की बादे रसूल अज़वाज, असहाब और उम्मत को रसूल अल्लाह के बाद हर हाल में कुरान और अहलेबैत के पीछे पीछे ही चलना था और चलना है।

  • शाह चिराग के मजार पर हमला शियो के दिलों पर हमला है

    शाह चिराग के मजार पर हमला शियो के दिलों पर हमला है

    हौज़ा / ईरान के शहर शिराज में शाह चिराग की जिस दरगाह पर हमला हुआ है वो कोई आम आदमी नहीं हैं वो इमाम जादे हैं,सातवें इमाम इमाम मूसा काजिम अ.स की औलाद हैं जिनका नाम सय्यद अहमद उर्फ शाहे चिराग है।आपके  मजारे मुकद्दस पर हमले से सारी दुनिया के शियो के दिल गमगीन हैं।  

  • अलम के पंजों और मोहर्रम का अपमान बर्दाश्त नहीः शौकत भारती

    अलम के पंजों और मोहर्रम का अपमान बर्दाश्त नहीः शौकत भारती

    हौज़ा / असर फाउंडेशन के अध्यक्ष शौकत भारती ने कहा कि मुहर्रम और अलम के बारे में भाजपा और कांग्रेस नेताओं के अपमानजनक बयान और वायरल पोस्ट से इमाम हुसैन के प्रेमियों की भावनाओं को ठेस पहुंची है।

  • इस्लाम पार्ट आफ लाइफ नहीं वे ऑफ लाइफ है

    इस्लाम पार्ट आफ लाइफ नहीं वे ऑफ लाइफ है

    हौज़ा / अपना अकीदा कुरान,मुस्तनद हदीस,उसूल दीन और अक्ल की रौशनी में गौर फिक्र कर के मानने वाले उलमाए किराम और दीनदार मुसलमान बड़े से बड़े तूफानों और आंधियों में भी सीसा पिलाई हुई दीवार बन कर खड़े रहते हैं और इस्लाम पर हमला करने वाले इस्लाम दुश्मनों को दलील से जवाब दे रहें है और उनके सामने दुश्मन टिक ही नहीं पाते।

  • हजरत अबू तालिब और रसूल अल्लाह जैसी मोहब्बत

    हजरत अबू तालिब और रसूल अल्लाह जैसी मोहब्बत

    हौज़ा / शिर्क करने वाला बड़ा ज़ालिम होता है इस लिए जो लोग हजरत अबू तालिब को ईमान वाला नहीं मानते वो माज अल्लाह हजरत अबू तालिब को मुशरिक समझते हैं यानी बड़ा ज़ालिम समझते हैं।

  • अफगानिस्तान में 70 शिया बच्चियों को कत्ल करने के पीछे की विचार धारा ?

    अफगानिस्तान में 70 शिया बच्चियों को कत्ल करने के पीछे की विचार धारा ?

    हौज़ा / दहशतगर्दी फिक्र को पहचानिए और मानवता धर्म,समाज और देश हित में ऐसी सभी विचार धारा को रोकने का प्रयास कीजिए।

  • "आल" या "असहाब"??

    1400 साल से मुसलमानों के बीच एक ही अहम सवाल? मोहम्मद स.व. के बाद कौन??

    "आल" या "असहाब"??

    हौज़ा / 1400 साल से मुसलमानों के बीच एक ही अहम सवाल? मोहम्मद स.व. के बाद कौन?? "आल" या "असहाब"?? इस सवाल का जवाब बहुत ही आसानी से समझाने की एक छोटी सी कोशिश।

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