हजरत इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम
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दिन की हदीस:
बुराई और मुश्किल से निज़ात का रास्ता
हौज़ा / हज़रत इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में मुश्किलात से निज़ात पाने के रास्ते को बयांन किया है।
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हज़रत इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम बयान करते हैं,मोमिन को कैसा होना चाहिये?
हौज़ा / इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम इरशाद फ़रमाते हैं कोई भी बंदा ईमान की हक़ीक़त के शिखर पर नहीं पहुंच सकता मगर यह कि उसमें तीन विशेषतायें हों। धर्म की पहचान, जिन्दगी में सही कार्यक्रम बनाना और जीवन की कठिनाइयों व सख्तियों पर धैर्य करना।
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हज़रत इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम का शहादत के मौके पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब
हौज़ा / आठवें इमाम हज़रत रज़ा अलैहिस्सलाम के शहादत के मौके पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा मशहद के चारों तरफ़ दूर दूर की बस्तियों, गावों और शहरों से श्रद्धालु पैदल चलकर मशहद पहुंचे जबकि दुनया के दर्जनों देशों से भी श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या मशहद में नज़र आई।
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हज़रत इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम की शहादत के मौके पर शोक में डूबा ईरान
हौज़ा / आज पूरे ईरान में इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम की शहादत का ग़म मनाया जा रहा है जगह जगह मजलिस और जुलूस निकाले जा रहे हैं।
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दिन की हदीस:
लंबी उम्र करने का उपाय
हौज़ा / हज़रत इमाम जफार सादीक अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में उम्र को बढ़ाने के रास्ते को बयान फरमाया हैं।
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दिन की हदीस:
नमाज़े जुमआ में शिरकत की अहमियत
हौज़ा/हज़रत इमाम रज़ा अ.स.ने एक रिवायत में नमाज़े जुमआ में शिरकत करने की अहमियत को बयान फरमाया हैं।
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दिन की हदीस:
अल्लाह तआला पर अच्छे गुमान करने का फल
हौज़ा/हज़रत इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में अल्लाह तआला पर अच्छे गुमान करने का फल की ओर इशारा किया हैं।
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दिन की हदीस:
दीन और दुनिया के बारे में इमाम रज़ा अ.स.का महत्वपूर्ण बिंदु
हौज़ा/हज़रत इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में दीन और दुनिया के बारे में महत्वपूर्ण बिंदु बयान किया हैं।
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:दिन कि हदीस
आख़िरत के लिए इमाम रज़ा अ.स. की बहुत उपयोगी सलाह
हौज़ा/हज़रत इमाम रज़ा अ.स.ने एक रिवायत में आख़िरत के लिए एक उपयोगी सलाह की हैं।
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:दिन कि हदीस
अम्र बिल मारूफ़ और नही अनिल मुनकर से दूरी का अंजाम
हौज़ा/हज़रत इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में अम्र बिल मारूफ़ और नही अनिल मुनकर से दूरी के अंजाम कि ओर इशारा किया हैं।
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:दिन कि हदीस
छोटे गुनाहों का अंजाम
हौज़ा/हज़रत इमाम अली रज़ा अ.स. ने एक रिवायत में छोटे गुनाहों के अंजाम की ओर इशारा किया हैं।
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:दिन कि हदीस
माहे रमज़ान में कुरआन की तिलावत का सवाब
हौज़ा/हज़रत इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में माहे रमज़ान में कुरआन की तिलावत के सवाब कि ओर इशारा किया हैं।
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दिन की हदीसः
दुनिया की बुराइयों से कैसे महफूज़ रहा जाए?
हौज़ा/ हज़रत इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में दुनिया की बुराइयों से महफूज़ रहने के तरीके की ओर इशारा किया हैं।
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इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम की ज़ियारत के आदाब या संस्कार इमाम ख़ामेनेई की ज़बानी
हौज़ा/हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई ने कहां,ज़ियारत क़ुबूल होने का मतलब यह है कि इमाम से मुलाक़ात का जो फ़ायदा, मुलाक़ात करने वाले को मिलता है, वह आपको हासिल हो। ज़ियारत क़ुबूल होने का मतलब यह है।
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हज़रत इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम के जन्मदिन के अवसर पर संक्षिप्त परिचय
हौज़ा/हज़रत इमाम रज़ा अ.स.की ज़िंदगी पर एक निगाह:हज़रत इमाम अली रज़ा अलैहिस्सलाम 11 ज़िलक़द 148 हिजरी को दुनिया में तशरीफ लाए,आप के बहुत अलक़ाब (उपाधियां) हैं जिनमें सबसे प्रसिद्ध रज़ा है जिसका अर्थ है राज़ी व प्रसन्न रहने वाला। इस उपाधि का बहुत बड़ा कारण यह है कि इमाम अलैहिस्सलाम ख़ुदा की हर इच्छा पर प्रसन्न रहते थे और इमाम अली रज़ा अलैहिस्सलाम के साथी एवं अनुयाई भी आप से प्रसन्न रहते थे और इमाम के दुश्मन उनकी अप्रसन्नता का कोई कारण नहीं ढूंढ पाते थे।
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:दिन कि हदीस
ऐसा काम जो अल्लाह तआला से जंग करने के बराबर हैं।
हौज़ा/हज़रत इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में ऐसे काम की ओर इशारा किया है जो अल्लाह तआला से जंग करने के बराबर हैं।
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:दिन कि हदीस
कमाले हकीकी तक पहुंचने के लिए तीन रास्ते
हौज़ा/हजरत इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में कमाले हकीकी तक पहुंचने के लिए तीन रास्तों की ओर इशारा किया हैं।
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हज़रत इमाम रज़ा अ.स. के हरम में हुए हमले के पीछे तकफ़ीरी विचारों का हाथ: यज़्द के इमामे जुमआ
हौज़ा/यज़्द में सर्वोच्च नेता के प्रतिनिधि आयतुल्लाह नासिरी ने हज़रत इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम के हरम में हुए आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की हैं।
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कर्बलाए अज़ीमुल्लाह खाँ शबीहे इमामे अली रज़ा अ.स. तालकटोरा लखनऊ में एज़ाज़ी खादेमीन के दरमियान इमामे अली रज़ा अ: के रोज़ए मुक़द्दस की ज़ियारत के लिए टिकट की क़ुरए अंदाज़ी
हौज़ा/इमाम अली रज़ा (अ) फाउंडेशन तालकटोरा लखनऊ की जानिब से शबीहे हरमे इमाम अली रज़ा अ.स. में हर महीने की नोचन्दी जुमेरात को नमाज़े मगरेबैन के बाद मजलिस और मुनाजात का इनएक़ाद किया जाता है। जिसके बाद इमाम के दसतखान पर तमाम ज़ाएरीन के लिए खाने का एहतेमाम किया जाता है , और साल भर बिला तफ़रीक़े मज़हबो मिल्लत रोज़े की ओर से गरीब और जरूरतमंद मरीज़ अफ़राद का इलाज किया जाता है।
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हज़रत इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम की दरगाह की ओर से प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का संचालन
हौज़ा/ हज़रत इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम की दरगाह की ओर से सभी उर्दू भाषा वालों के लिए इमामें ज़माना अलैहिस्सलाम की शिक्षाओं की परिचय के लिए एक संक्षिप्त कोर्स का आयोजन किया गाया है, जिसका विषय(हज़रत इमामे ज़माना की शिक्षाओं से परिचित) हैं।
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रोमानिया के एक ईसाई ने इमाम रज़ा अ.स. के हरम में दीने इस्लाम को कबूल किया,
हौज़ा/हज़रत मोहम्मद मुस्तफा स.ल.व.व.और इमामे जाफर सादिक अलैहिस्सलाम की विलादत के मौके पर रोमानिया का एक ईसाई आदमी हजरत इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम के हरम ऑनलाइन ज़ियारत कि और दीने इस्लाम को कबूल किया,