۱۵ تیر ۱۴۰۳ |۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 5, 2024
مولانا خالد رشید فرنگی

हौज़ा / मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी ने बाबरी मस्जिद के बाद ज्ञान वापी मस्जिद का मुद्दा उठाने पर खेद व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि पैलेस ऑफ वर्क शॉप एक्ट 1991, पहले से मौज़ूद है जिसको तमाम लोगों को कुबूल करना चाहिए।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में एक ज्ञान वापी मुगलकालीन मस्ज़िद है और मस्ज़िद से सटा एक मंदिर है। जहां हिंदू और मुसलमान एक साथ अपने मज़हब के एतबार से इबादत करते हैं।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी ने कहां बाबरी मस्जिद फैसले के बाद दोबारा मस्ज़िद मंदिर का मसला उठाना अफसोस नाक है, क्योंकि इससे समाज और देश का माहौल खराब होगा।
मौलाना खालिद रशीद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच का फैसला हैं कि पैलेस ऑफ वर्क शॉप एक्ट 1991,हैं. इस संबंध में कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी, तो ये लोग उसके बाद भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले को क्यों नहीं मानते हैं?
मौलाना खालिद रशीद फरंगी ने कहा कि बाबरी मस्ज़िद फैसले के बाद अब इस तरह के मसले को उठाना मुनासिब नहीं है, उन्होंने कहा काबिले जि़क्र है कि इस मामले पर यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जफ़र अहमद फारूकी ने कहा था कि ए एसआई द्वारा मस्जिदों के सर्वेक्षण की प्रक्रिया को रोकना चाहिए। हम तुरंत इस आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाएंगे।

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