हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , सैदापुर, सम्मानपुर के कटघर मूसा गांव स्थित इमामबारगाह अबुल फज़लिल अब्बास अ.स. हसनगंज में शनिवार को रात्रि 8:00 बजे मजलिस आयोजित हुई शिया धर्मगुरु मौलाना सैयद सना अब्बास ज़ैदी और दीगर उलेमाये किराम के इसाले सवीब की मजलिस को संबोधित करते हुए मौलाना सैय्यद मंजर अब्बास ने कहा कि मरहूम मौलाना सना अब्बास ज़ैदी एक आलिमे बा अमल इंसान थे उनके इंतकाल से इल्म का एक दरवाजा बंद हो गया, उनकी ज़बान से जिस तरीके से उर्दू के अल्फाज फूलों की शक्ल में लोगों के सामने आते थे,
उनको लोग कभी भुला नहीं सकते मौलाना अब्बास ने मजलिस में मौजूद बच्चों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि इल्म के बगैर इंसान का जीवन अधूरा है ।
ऐसे में अभिभावक अपने बच्चों को शिक्षा दिलाने में कोई कसर ना छोड़े। शिक्षा है तो जागरूकता है अशिक्षा है और समाज के गरीब व्यक्ति को सहारा देकर उठाया जा सकता है।