۲ آذر ۱۴۰۳ |۲۰ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 22, 2024
यमनी बच्चे

हौज़ा / प्रदर्शनकारी बच्चे हाथों में ऐसे प्लेकॉर्ड उठाए हुए थे कि जिसपर सऊदी गठबंधन के पाश्विक हमलों में शहीद और घायल होने वाले यमनी बच्चों की तस्वीरें थीं। बच्चों का कहना था कि हम ग़रीब हैं इस लिए संयुक्त राष्ट्र संघ और दुनिया भर के देश और संगठन हमारे बहते ख़ून पर ख़ामोश हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट अनुसार, यमन पर दिन प्रतिदिन सऊदी गठबंधन के बढ़ते जा रहे अत्याचारों और विशेषकर इस देश के बच्चों के नरसंहार पर संयुक्त राष्ट्र संघ की चुप्पी से नाराज़ यमनी बच्चों ने अब मार्चा संभाल लिया है। मंगलवार को यमन की राजधानी सना में छोटे-छोटे मासूम यमनी बच्चों ने सऊदी अरब के अत्याचारों और यूएन की ख़ामोशी के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी बच्चे हाथों में ऐसे प्लेकॉर्ड उठाए हुए थे कि जिसपर सऊदी गठबंधन के पाश्विक हमलों में शहीद और घायल होने वाले यमनी बच्चों की तस्वीरें थीं। बच्चों का कहना था कि हम ग़रीब हैं इस लिए संयुक्त राष्ट्र संघ और दुनिया भर के देश और संगठन हमारे बहते ख़ून पर ख़ामोश हैं। बच्चों को इस बात का भी दुख था कि यूएन जैसी संस्था सऊदी अरब के पैसों के आगे झुक गई है और यमनी बच्चों पर होते अत्याचारों पर आंखे बंद किए हुए है।

प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार यमनी बच्चों ने मंगलवार के दिन सऊदी गठबंधन के पाश्विक हमलों पर संयुक्त राष्ट्र संघ की हैरान कर देने वाली चुप्पी की निंदा करते हुए राजधानी सना में ज़ोरदार प्रदर्शन किया।

प्रदर्शनकारी यमनी बच्चों ने इसी रह संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के ज़रिए सऊदी अरब के नाम को बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन करने वाली काली सूची से निकाले जाने की ओर इशारा करते हुए कहा कि, इस कार्य से यह सिद्ध होता है कि सऊदी गठबंधन द्वारा यमनी में बच्चों पर जितने भी अत्याचार हुए हैं या हो रहे हैं उसमें संयुक्त राष्ट्र संघ बराबर का भागीदार है। ग़ौरतलब है कि यमनी स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि यमन पर सऊदी गठबंधन के पाश्विक हमलों, घेराबंदी, भुखमरी और दवाओं की कमी की वजह से हर वर्ष कम से कम एक लाख यमनी बच्चे मौत की नींद सो रहे हैं।

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