हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "
मिज़ानुल हिकमा" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الصادق علیہ السلام
اِلبَس مالاتُشتَهَرُ بِهِ ولايُزري بِكَ
हज़रत इमाम जाफर सादिक अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
न लिबासे शोहरत पहनो, और ना ऐसा लिबास पहने जो तुम्हें हक़िर (नाचीज़) ज़ाहिर करें
मिज़ानुल हिकमा,हदीस नं.18080