दिन कि हदीस (661)
-
दिन की हदीसः
धार्मिकइमाम रज़ा (अ) के ज़ियारत का सवाब
हौज़ा/ इमाम रज़ा (अ) ने एक रिवायत में अपनी शहादत और ज़ियारत के सवाब का ज़िक्र किया है।
-
दिन की हदीसः
धार्मिकपूरी उम्मत के लिए सिफ़ारिश
हौज़ा/ पैग़म्बर मुहम्मद (स) ने एक रिवायत में अपनी उम्मत के लिए एक ख़ास दुआ का ज़िक्र किया है।
-
दिन की हदीसः
धार्मिकइख़लास का मानक!
हौज़ा / इमाम जाफ़र सादिक़ (अ) ने एक रिवायत में इख़लास के अपार महत्व और महत्ता पर प्रकाश डाला है।
-
धार्मिकअमल की कुबूलियत मे इखलास का असर
हौज़ा/ अल्लाह के रसूल (स) ने एक रिवायत में इख़लास के महत्व पर ज़ोर दिया है।
-
दिन की हदीसः
धार्मिकइमाम हुसैन (अ) के मसाइब पर आँसू बहाने का सवाब और मक़ाम
हौज़ा / इमाम ज़माना(अ) ने एक रिवायत में इमाम हुसैन (अ) के मसाइब पर आँसू बहाने के साथ जल्द जु़हूर होने की दुआ के महत्व पर ज़ोर दिया है।
-
धार्मिकइमाम हुसैन (अ) की क़ब्र पर पैदल जाने के अगणनीय सवाब और पुण्य
हौज़ा/इमाम जाफ़र सादिक़ (अ) ने एक रिवायत में इमाम हुसैन (अ) की क़ब्र पर पैदल जाने के अज़ीम सवाब और पुण्य का वर्णन किया है।
-
दिन की हदीसः
धार्मिकइमाम हुसैन (अ) की ज़ियारत, अफ़ज़ल तरीन अमल है
हौज़ा/ इमाम जाफ़र सादिक़ (अ) ने एक रिवायत में इमाम हुसैन (अ) की ज़ियारत की फ़ज़ीलत बयान की है।
-
दिन की हदीसः
धार्मिकसाल में कम से कम एक बार इमाम हुसैन (अ) की क़ब्र की ज़ियारत पर ताकीद
हौज़ा/ इमाम जाफ़र सादिक़ (अ) ने एक रिवायत में साल में कम से कम एक बार इमाम हुसैन (अ) की क़ब्र की ज़ियारत करने पर ज़ोर दिया है।
-
दिन की हदीसः
धार्मिकपैग़म्बर (स) के दृष्टिकोण से पिता का अपने बच्चे पर हक़
हौज़ा / पैग़म्बर ए इस्लाम (स) ने बच्चे पर पिता के अधिकारो के संबंध मे पूछे गए प्रश्न के उत्तर मे स्पष्ट एवं महत्वपूर्ण निर्देशो की ओर इशारा किया है।
-
दिन की हदीसः
धार्मिकग़लती करने वाले को माफ़ी मांगने का समय दो
हौज़ा / इमाम हसन मुज्तबा (अ) ने अपने ज्ञानपूर्ण शब्दों में ग़लती करने वाले को माफ़ करने और उसे माफ़ी मांगने का समय देने पर ज़ोर दिया है।
-
दिन की हदीसः
धार्मिकऐसे व्यक्ति की नमाज़ भी क़बूल नहीं होती
हौज़ा/ इमाम जाफ़र सादिक़ (अ) ने एक रिवायत में माता-पिता को नफ़रत की नज़र से देखने से आगाह किया है।
-
दिन की हदीसः
धार्मिकमाता-पिता को प्यार से देखना इबादत है
हौज़ा / पैग़म्बर मुहम्मद (स) ने एक हदीस में माता-पिता को प्यार से देखना इबादत माना है।
-
धार्मिकमृत्यु के बाद माता-पिता के प्रति नेकी का असर
हौज़ा/ इमाम मुहम्मद बाक़िर (अ) ने एक रिवायत में चेतावनी दी है कि माता-पिता के प्रति नेकी केवल उनके जीवनकाल तक ही सीमित नहीं है, बल्कि उनकी मृत्यु के बाद भी संभव है।
-
धार्मिकवो ज़िम्मेदारिया जिन्हें किसी भी तरह से छोड़ा नहीं जा सकता
हौज़ा/ इमाम मुहम्मद बाक़िर (अ) ने एक रिवायत में तीन ऐसी ज़िम्मेदारीयो का ज़िक्र किया है जिन्हें किसी भी तरह से छोड़ा नहीं जा सकता, भले ही वे ज़िम्मेदारी किसी दुष्ट व्यक्ति से संबंधित हों।
-
धार्मिकमाता-पिता के साथ नेकी और सिले रहमी का प्रतिफल
हौज़ा/ पैग़म्बर मुहम्मद (स) ने एक रिवायत में माता-पिता के साथ नेकी और सिले रहमी के प्रतिफल का वर्णन किया है।
-
धार्मिकग़ैबत के ज़माने में ईमान की मज़बूती
हौज़ा / इमाम जाफ़र सादिक़ (अ) ने एक हदीस में ग़ैबत के जमाने मे दीन और ईमान को बचाए रखने की कठिनाई की ओर इशारा किया है।
-
धार्मिकबच्चों के प्रति नेकी की हक़ीक़त
हौज़ा/ इमाम जाफ़र सादिक (अ) ने एक रिवायत में कहा है कि एक व्यक्ति की अपने बच्चों के प्रति अच्छा व्यवहार करने को हक़ीक़त में उसके माता-पिता के साथ नेकी क़रार दिया है।
-
दिन की हदीसः
धार्मिकबच्चों की परवरिश में अल्लाह से मदद माँगना
हौज़ा / इमाम सज्जाद (अ) ने अपनी दुआ के एक हिस्से में बच्चों की परवरिश में अल्लाह से मदद माँगने की सलाह दी है।
-
धार्मिकतरबीयत, बाक़ी रहने वाली विरासत
हौज़ा / "इमाम सादिक़ (अ) ने एक बहुत बहूमूल्य हदीस में बच्चों की अच्छी तालीम-ओ-तरबीयत (संस्कार और शिक्षा) की अहमियत पर ज़ोर दिया है।"
-
दिन की हदीसः
धार्मिकज़माने की परिस्थितियों से अवगत रहने का महत्व
हौज़ा / इमाम जाफ़र सादिक़ (अ) ने एक रिवायत में गलतियों से बचने के लिए समय को पहचानने के महत्व पर प्रकाश डाला है।
-
धार्मिकअल्लाह नर्म दिल लोगो को पसंद करता है
हौज़ा / अमीरुल मोमेनीन हज़रत अली (अ) ने एक रिवायत मे अल्लाह की पसंद बंदो की ओर इशारा किया है।
-
धार्मिकनेक काम करते हुए अपनी नेकी का दिखावा मत करो!!
हौज़ा/ अमीरुल मोमिनीन इमाम अली (अ) ने खासिल नेकी के मानक का वर्णन किया है।
-
धार्मिकधन-संपत्ति की कमी में मन की शांति
हौज़ा/ इमाम जाफ़र सादिक (अ) ने अपने ज्ञानपूर्ण फ़रमान में बताया है कि मन की शांति का राज़ सांसारिक धन-संपत्ति से दूरी बनाए रखना है।
-
दिन की हदीसः
धार्मिकक्रोध और बुद्धि
हौज़ा/ इमाम जाफ़र सादिक़ (अ) ने एक रिवायत में क्रोध और बुद्धि के बीच संबंध पर प्रकाश डाला है।
-
दिन की हदीसः
धार्मिकसच्चे मोमिन की पहचान
हौज़ा/ इमाम जाफ़र सादिक़ (अ) ने एक ज्ञानवर्धक हदीस में मोमिनों के बीच एक-दूसरे के प्रति प्रेम और स्नेह के महत्व पर प्रकाश डाला है।
-
-
दिन की हदीसः
धार्मिकइमाम हुसैन (अ) की क़ब्र पर अम्बिया और फ़रिश्तो का गिरया
हौज़ा / इमाम जाफ़र सादिक़ (अ) ने सय्यद उश शोहदा (अ) की शहादत पर अम्बिया और फ़रिश्तों के रोने और शोक प्रकट करने के बारे में एक हदीस में बयान किया है।
-
दिन की हदीसः
धार्मिकइमाम सज्जाद (अ) के शब्दों में कर्बला की सबसे बड़ी मुसीबत
हौज़ा /इमाम ज़ैनुल आबेदीन (अ) ने एक रिवायत में कर्बला की सबसे बड़ी और सबसे गंभीर मुसीबत का वर्णन किया है।
-
दिन की हदीसः
धार्मिकहज़रत अब्बास (अ) के मक़ाम पर शहीदों का रश्क
हौज़ा / इमाम ज़ैनुल आबेदीन (अ) ने एक रिवायत में हज़रत अबुल फ़ज़्लिल अब्बास (अ) के क़यामत के दिन अल्लाह के नज़दीक मक़ाम का वर्णन किया है।
-
धार्मिकखुदा की राह और हुसैन (अ) की मोहब्बत में खर्च करने का बड़ा सवाब
हौज़ा / इमाम जाफ़र सादिक़ (अ) ने एक रिवायत में खुदा की राह में और सय्यद अल-शोहदा (अ) की ज़ियारत के लिए खर्च करने की अहमियत बताई है।