हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को " मिज़ानुल हिक्मा" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام العلی علیہ السلام
کیفَ یَجِدُ لَذَّهَ العِبادَهِ مَن لا یَصومُ عنِ الهَوى؟!
हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
वह आदमी इबादत की लज़्ज़त को कैसे चखेगा जो नफ्सानी ख्वाहिशाते हवा और हवस से महफूज़ नहीं है।
मिज़ानुल हिक्मा,भाग 7,पेंज 29