हौज़ा न्यूज एजेंसी के अनुसार, नाइजीरिया के सबसे प्रभावशाली धार्मिक शिया गुरू शेख इब्राहिम ज़कज़ाकी का दावा है कि अगर उनके देश में जनमत संग्रह होता है, तो लोगों के पास निश्चित रूप से इस्लामी रास्ता चुनेंगे
शेख ज़कज़की ने ईरानी टेलीविजन चैनल प्रेस टीवी को इंटरव्यू देते हुए यह दावा किया कि मुल्क इस्लामी कानून चाहता हैं, जेल से छूटने के बाद मीडिया से उनका यह पहला साक्षात्कार है।
शेख ज़कज़की ने कहा कि नाइजीरिया के अधिकारी, सार्वजनिक रूप से नहीं बल्कि निजी तौर पर स्वीकार करते हैं कि वे इस्लामिक आंदोलन से डरते हैं।
वे ईरान की तरह नाइजीरिया में भी इस्लामी क्रांति की आशंका से डरते हैं। यह याद किया जा सकता है कि दिसंबर 2015 में, नाइजीरिया में सेना ने शेख ज़कज़की और उनके समर्थकों को अपना निशाना बनाया था और उन पर बहुत मज़ालिम किये,शियाओं के खिलाफ सैन्य अभियान में शेख ज़कज़की के तीन बेटों सहित सैकड़ों शिया मारे गए, जबकि शेख ज़कज़की और उनकी पत्नी को गंभीर रूप से घायल कर दिया गया था।फिर शेख़ ज़कज़ाकी और उनकी पत्नी को गिरफ्तार कर लिया गया था।
शेख़ ज़कज़की ने कहा कि जेल में उनके ऊपर इतने ज़ुल्म हुए उस ज़ुल्म से बच जाना यह मोजीज़े से कम नहीं है।शेख ज़कज़की ने कहा कि अधिकारियों ने खुद स्वीकार किया कि सामूहिक कब्र में 347 लोगों को दफनाया गया था। नाइजीरिया में कई सामूहिक कब्रें बनाई गईं।
जुलाई 2016 में, नाइजीरियाई उच्च न्यायालय ने शेख ज़कज़की और उनकी पत्नी की रिहाई का आदेश दिया, लेकिन उनकी रिहाई 2021 में संभव हो गई।शेख ज़कज़की की रिहाई के लिए नाइजीरिया सहित विभिन्न देशों में प्रदर्शन हुए
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