۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
महदी महदवीपुर

हौज़ा / तहरीक-ए-दीनदारी के प्रमुख ख़तीब-ए-आज़म मौलाना सैयद ग़ुलाम अस्करी ताबा सराह की शरीके हयात मरहूमा रियाज़ फ़ात्मा बिन्ते सैय्यद अली हमज़ा मरहूम को शबे जुमा कर्बला बिजनौर जिला लखनऊ (मकबरा ए खतीब ए आज़म) में सपुर्दे लहद किया गया।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, बिजनौर जिला लखनऊ / तहरीक-ए-दीनदारी के प्रमुख ख़तीब-ए-आज़म मौलाना सैयद ग़ुलाम अस्करी ताबा सराह की शरीके हयात मरहूमा रियाज़ फ़ात्मा बिन्ते सैय्यद अली हमज़ा मरहूम को शबे जुमा कर्बला बिजनौर जिला लखनऊ (मकबरा ए खतीब ए आज़म) में सपुर्दे लहद किया गया। बानी ए तंज़ीम की शरीके हयात की नमाज़े जनाज़ा ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामेनई के भारत मे प्रतिनिधि हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन महदी महदवीपुर ने पढ़ाई और मजलिस को खिताब किया।  

हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन महदी महदवीपुर ने शोक व्यक्त करते हुए कहा; अल्लामा सैयद गुलाम अस्करी ताबा सराह की सेवाएं हमारे सामने हैं। उनकी कोई संतान नहीं थी लेकिन स्कूलों में पढ़ने वाले हजारों और बल्कि दसयो हजार छात्र उनके बच्चे हैं। उनका चरित्र शियाओं के लिए प्रभावशाली है। आपके द्वारा की गई सेवाओं को पीढ़ियों तक याद रखा जाएगा और उनकी पत्नी का सहयोग अमूल्य है।

स्वयं इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता, हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली खामेनेई, मरहूम अल्लामा सैयद गुलाम अस्करी (ताबा सराह) द्वारा स्थापित तंज़ीमुल मकातिब को पहचानते हैं। इसी तरह, जो मरहूम अल्लामा सैयद गुलाम अस्करी ताबा सराह, मरहूम अल्लामा सैयद जीशान हैदर जवादी ताबा सराह और अन्य बुजुर्गों द्वारा प्रदान की गई महत्वपूर्ण सेवाओं को जानते हैं। बानी ए तंज़ीम की शरीके हयात के अंतिम संस्कार मे विद्वानो और मोमेनीन ने बड़ी संख्या मे सम्मिल हुए।

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