۱۵ تیر ۱۴۰۳ |۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 5, 2024
मौलाना सैयद हसन रजा

हौज़ा / इन दिनों में, प्रत्येक आस्तिक को खुद को मकतब-ए-फातिमी का अग्रणी मानना ​​​​चाहिए और सैयदा के विचारक के रूप में माना जाना चाहिए।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, हज़रत फातिमा (स.अ.) के शहादत के दिनों के मौके पर हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन मौलाना सैयद हसन रजा नकवी ने कहा कि बड़ों को इस बात की जानकारी जरूर है लेकिन मुझे लगता है कि आज के युवाओं का ध्यान आकर्षित करना बहुत जरूरी है। कि आज के युवाओं को भी इस बात से अवगत और सतर्क रहना चाहिए कि जमादी-उल-अव्वल 1443 एएच की 13वीं तिथि के अनुसार शनिवार 18 दिसंबर 2021 को मखदूमा कौनेन सैयदा फातिमा अल-जहरा की शहादत और रोने के दिन शुरू हो रहे हैं और खातूने जन्नत यह शोक शुक्रवार, 7 जनवरी, 2022, तीसरे जमादी अल-थानी 1443 तक जारी रहेगा, इसलिए इन दिनों को फातिमा के दिनों के रूप में याद किया जाता है।

उन्होंने बच्चों और युवाओं से अपील करते हुए कहा कि उन दिनों प्रत्येक आस्तिक को अपने आप को मकतब-ए-फातिमी का अग्रदूत मानना चाहिए और साथ ही साथ अपने सोशल मीडिया के किसी भी पेज पर सभी चुटकुले और हास्यास्पद नैतिकता सी गिरी कोई पोस्ट ना लगाए। अपने अकाउट्स पर पोस्ट के माध्यम से सैयदा सलाम अल्लाह अलैहा के संदेश को फैलाएं।

उन्होंने कहा कि मुहर्रम के दिनों की तरह इन दिनों को भी बड़े शोक के साथ मनाया जाना चाहिए। बेशक, जबकि यह क्रिया ईश्वर और अहलेबैत को प्रसन्न करेगी, यह हम सभी के लिए क्षमा का कारण भी बनेगी।

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