हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, आयतुल्लाह अल्वी गुर्गानी ने तबलीगी संगठन के सांस्कृतिक कार्यों के प्रभारी लोगों और इस संस्था से जुड़े संलग्न लोगों के साथ बातचीत करते हुए इस कुरान शरीफ की आयत की तिलावत की सूराह साद आयेत नं ۲۹
«کِتَابٌ أَنْزَلْنَاهُ إِلَیْکَ مُبَارَکٌ لِیَدَّبَّرُوا آیَاتِهِ وَ لِیَتَذَکَّرَ أُولُو الْأَلْبَابِ»
के बाद कहा: कुरान शरीफ एक पवित्र किताब है, जिसको अल्लाह तआला ने हजरत पैगंबर पर नाज़िल किया, और फिर अल्लाह तआला ने हुक्म दिया कि इन आयेतो में दिक्कत से सोचो और फिक्र करो,
उन्होंने आगे कहा की, किताबे मुबारक,, का अर्थ यह है कि कुरान शरीफ हर दर्द की दवा है, और यह पुस्तक मनुष्य की सभी समस्याओं को हल कर सकती है बशर्ते वे इस पुस्तक की शिक्षाओं का पालन करें,
आयतुल्लाह अल्वी गुर्गानी ने आगे कहा कि, दीन की तबलीग में कुरआन शरीफ को एक विशेषता माना जाना चाहिए,
उन्होंने आगे कहा कि दूसरी बात जो इस आयत में बताई गई है, वह है कुरआन की आयतों में ध्यान करना, क्योंकि कुरान का पाठ ही हर मनुष्य के लिए लाभदायक है, जीवन का सही अर्थ, समय हमारे लिए खुशी और आनंद लेकर आया है।
आयतुल्लाह अल्वी गुर्गानी ने कहा कि हर मनुष्य पर वाजिब है कि कुरान के सही अर्थ को जाने और दूसरों को भी इसके बारे में बताएं कुरान एक पवित्र किताब है और इसमें हर दर्द की दवा मौजूद है।
अंत में उन्होंने कहा कि, हज़रत अली अलैहिस्सलाम की रिवायत के मुताबिक कुरआन शरीफ सबसे अच्छी किताब है और इस किताब में अल्लाह का बेहतरीन उपदेश है,
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