हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "अलकाफी" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الصادق علیه السلام
الخُلقُ الحَسنُ يَميثُ الخَطيئةَ كما تَميثُ الشَّمسُ الجَليدَ
हज़रत इमाम जाफर सादिक अलैहिस्सलाम फरमाया:
खुश अख्लाकी गुनाहों को इस तरह पिघला देती है जिस तरह सूरज बर्फ को पिघला देता है।
अलकाफी,भाग 2,पेंज 100,हदीस 7