हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "ग़ेरारूल हेकम तस्नीफ " पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامیر المومنین علیه السلام
لا أدَبَ مَعَ غَضَبٍ
हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
गुस्से (क्रोध) के साथ तरबीयत संभव नहीं है।
ग़ेरारूल हेकम तस्नीफ :303,हदीस नं 6912